फोटो–01-बदरीनाथ हाई-वे पर गिरा पहाड का हिस्सा ।
02 – पहाड दरकने से क्षतिग्रस्त टनल पोर्टल।
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ।
पहाड दरकने से टनल पोर्टल क्षतिग्रस्त, हडताल के कारण मजदूर टनल के अन्दर नही थे, बडा हादसा टला। बदरीनाथ हाई -वे बलदौडा के पास 17घंटे बाद खुला।
एनटीपीसी द्वारा निर्माणाधीन 520मेगावाट जल विद्युत परियोजना की टनल के पोर्टल ’’सुरंग का मुॅह’’ के ठीक ऊपर से एक मजबूत चटटान दरकने के कारण पूरा पहाड टनल पोर्टल के ऊपर आ गिरा, जिसके कारण टनल के मुॅह का हिस्साा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है, गनीमत रही कि मजदूरों की हडताल के कारण टनल के अन्दर कोई कार्मिक नही था, अन्यथा कोई बडा हादसा हो सकता था।

दरसअल एनटीपीसी की परियोजना निर्माण के लिए टीबीएम-टनल बोरिंग मशीन का प्रयोग किया गया, और सेलंग गाॅव के ठीक नीचे से टीबीएम ने टनल कटिंग का कार्य शुरू किया था, हाॅलाकि टीबीएम दुर्घटना स्थल से करीब 5से 6किमी की दूरी पर है, और संभवत टीबीएम को कोई नुकसान नहीं हुआ होगा।
लेकिन यदि मजदूरों की हडताल नही होती तो टनल के अन्दर काम कर रहे मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने की चुनौती होती। लेकिन संयोग से मजदूर हडताल पर रहे और सुरक्षित रह गए। सेलंग मे टीबीएम पोर्टल के पास यह घटना रात्रि के करीब ढाई बजे की बताई जा रही है।
इधर बीती रात्रि को ही बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर हाथी पहाड के दरकने के साथ ही बलदौडा के समीप भी भारी चटटान टूटने से मार्ग अवरूद्ध हो गया था, हाथी पहाड दरकने के कारण सडक को तो कोई क्षति नही हुई लेकिन बलदौडा के पास करीब पचास से सत्तर मीटर की चटटान टूट कर सडक पर गिरने से मार्ग खोलने मे बीआरओ को काफी मशक्कत करनी पडी।
बीआरओ की 21टास्कफोर्स के कमांडर कर्नल मनीष कपिल के अनुसार बदरीनाथ हाई-वे आवाजाही के लिए करीब ढाई बजे खोल दिया गया था, लेकिन हाथी पहाड व बलदौडा मे रात्रि को एक समय पर चटटाने दरकने के कारणों की भी जानकारी लिया जाना बेहद आवश्यक हो गया है,। उन्होने कहा दोनो स्थानो पर चटटान दरकने का समय रात्रि दस बजे ही है।