कांग्रेस राज में पर्वतीय जनपदों से तबादले होकर आए 500 शिक्षकों को उनके मूल तैनाती विद्यालयों में वापस भेजने की मांग को लेकर नवक्रान्ति ने कमर कस ली है तथा उक्त प्रकरण में नवक्रान्ति ने मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, शिक्षा सचिव व शिक्षा मंत्री को ज्ञापन भेजा है । नवक्रान्ति के प्रदेश प्रवक्ता गजेंद्र जोशी जी का कहना है कि पर्वतीय जनपदों में शिक्षा व स्वास्थ्य व्यवस्था अत्यधिक लचर बनी हुई है । पहाड़ी जनपदों की जनता शिक्षा व स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं को लेकर आंदोलन करती आई है परन्तु सरकार समस्या निराकरण हेतु असफल रही है ।
यमनोत्री विधायक केदार सिंह रावत जी का कांग्रेस राज में आए शिक्षकों का समर्थन देने पर नवक्रान्ति विरोध जताती है साथ ही इन शिक्षकों को मूल विद्यालयों में वापस भेजने की मांग करती है। पर्वतीय जनपदों में शिक्षकों की अत्यधिक कमी बनी हुई है तथा अनेक विद्यालय एकल शिक्षक और अनेक शिक्षक विहीन है जिस कारण शिक्षा स्तर दिन प्रति दिन घटता जा रहा है । परन्तु इन सब के बावजूद भी पहाड़ के कुछ जनप्रतिनिधि इन शिक्षकों को पहाड़ चढ़ने से रोकने का प्रयास कर रहे हैं और मा0 उच्च न्यायालय नैनीताल के आदेश का उलंघन कर रहे हैं ।
उच्च न्यायालय नैनीताल ने दिनांक 26-10-18 को इन शिक्षकों की याचिका निरस्त की और केवल एक्ट के अनुसार गम्भीर बीमारी से जूझ रहे शिक्षकों को राहत हेतु आदेश किए । नवक्रान्ति भी ऐसे गम्भीर बिमारी से जुझ रहे शिक्षकों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता है लेकिन अन्य शिक्षकों को मूल विद्यालयों भेजने की मांग करता है ।
नवक्रान्ति प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि नवक्रान्ति स्वराज मोर्चा भ्रष्टाचार के खिलाफ और पहाड़ की समस्याओं के लिए लड़ाई लड़ने को हमेशा तत्पर है और इस मामले में भी आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेगा तथा जो भी जनप्रतिनिधि ऐसे शिक्षकों को मूल तैनाती पर भेजने पर रोकने का प्रयास करेगा उनका भी पूर्णतः विरोध किया जाएगा वहीं नवक्रान्ति के कार्यकर्ताओं ने कहा कि ऐसे जनप्रतिनिधियों को पहाड़ की जनता एवं नवक्रान्ति सबक सिखाएगी जो पहाड की जनता के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं ।