कमल बिष्ट
कोटद्वार। कोरोना महामारी में बगैर वैक्सीनेशन किये जाने तथा बिना जरूरी उपकरण के ही प्राथमिक शिक्षकों की कोरोना डयूटी लगाये जाने का प्राथमिक शिक्षक संघ ने घोर विरोध किया है। उन्होंने प्रदेश सरकार से शिक्षकों की ड्यूटी लगाये जाने से पूर्व समस्त शिक्षकों का वैक्सीनेशन किये जाने एवं जरूरी सुरक्षा उपकरण उपलब्ध करवाने की मांग की है।
जिला प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला मंत्री दीपक नेगी ने कहा कि वर्तमान समय में सम्पूर्ण देश वैश्विक महामारी कोविड.19 के संक्रमण के कारण हाई रिस्क पर है। शासन-प्रशासन द्वारा प्राथमिक शिक्षकों को ग्राम पंचायत स्तर पर बाहर से आने वाले प्रवासियों की निगरानी करने, कोविड के लक्षण पाये जाने पर चिकित्सा केन्द्र में सूचना देने, कोविड संक्रमण की रोकथाम की जानकारी देने, प्रत्येक व्यक्ति के स्वास्थ्य के लक्षण मिलने पर सूचना देने व समस्त ग्रामवासियों को लॉकडाउन का पालन करवाये जाने वाले विभिन्न कार्यो पर लगाया जा रहा है, जबकि उक्त समस्त कार्य चिकित्सा से सम्बन्धित हैं व उक्त कार्य में शिक्षक अनभिज्ञ है।
इस कार्य के लिए शासन प्रशासन द्वारा शिक्षकों को कोई भी प्रशिक्षण नहीं दिया गया है, वैश्विक महामारी कोविड.19 से निपटने के लिए पूर्व में भी शासन.प्रशासन द्वारा शिक्षकों की इसी प्रकार की डयूटी करवायी गयी थी, जिसमें सुरक्षा से सम्बन्धित कोई भी उपकरण शिक्षकों को उपलब्ध नहीं करवाये गये थे, शिक्षकों द्वारा अपने रिस्क पर ही ड्यूटियां की गयी थी। लेकिन कोरोना वायरस की दूसरी लहर भयावह होने के कारण शिक्षकों में भय का माहौल बना हुआ है। शिक्षकों से स्वास्थ्य से सम्बन्धित कार्य लेकर शिक्षकों की जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा है। दीपक नेगी ने कहा कि अगर डयूटी के दौरान किसी शिक्षक की जानमाल की क्षति होती है तो कौन इसकी जिम्मेदारी लेगा? उन्होंने कहा कि जिस प्रकार उत्तर प्रदेश में शिक्षकों को पंचायत चुनाव में झोंका गया और सैकडों शिक्षकों की संक्रमण के कारण मृत्यु हो गयी थी। उन्होंने कहा कि डयूटी करवाने से पूर्व जनपद के समस्त शिक्षकों का वैक्सीनेशन किया जाना चाहिए था, जनपद में 18 से 44 आयुवर्ग के बहुत अधिक शिक्षक कार्यरत हैं, जिनका अभी तक वैक्सीनेशन नहीं किया गया है। यह संक्रमण पूरे देश में घर.घर में पैर पसार चुका है तथा जनपद के कई शिक्षकों के परिवार खुद संक्रमण की चपेट में हैं, इसलिए उत्तराखण्ड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ मांग करता है कि जनपद के समस्त प्राथमिक शिक्षकों को कोरोना महामारी के संक्रमण से बचाव के लिए वैक्सीन की दोनों डोज लगायी जाय व वैक्सीनेशन कार्य, अन्य कार्यों में तैनात शिक्षकों को सुरक्षा कवच के रुप में उपकरण दिये जाय, जिससे उक्त कार्यों में लगे शिक्षकों को वैश्विक महामारी कोविड.19 के संक्रमण से बचाया जा सके। कहा जनपद के समस्त शिक्षकों का बीमा किया जाय जिससे उनके जा
नमाल की क्षति होने पर उनके परिवार को इस बीमा से कुछ राहत मिल सके।
राजकीय जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ ने इस बावत् प्रदेश के मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, शिक्षा सचिव और शिक्षा निदेशक को ज्ञापन प्रेषित किया है। ज्ञापन में इस बात पर नाराजगी जताई गई है कि जिला स्तर पर अधिकारी बगैर कोविड टीकाकरण के शिक्षकों की कोविड कार्य में डयूटी लगा रहे हैं। यही नहीं शिक्षकों जरूरी सुरक्षा कवच भी मुहैया नहीं कराया जा रहा है। ये लापरवाही शिक्षकों के जीवन के साथ सीधा खिलवाड़ है। प्रदेश भर में राज्य कर्मचारियों के लिए वरीयता के आधार पर शत प्रतिशत कोविड जीवन सुरक्षा के टीके लगाने का अभियान चलाया गया, लेकिन दुर्भाग्य बस उत्तराखण्ड के शिक्षकों के टीकाकरण की कोई नीति निर्धारित नहीं की गई।
प्रदेश भर में मात्र 15 से 20 प्रतिशत शिक्षकों को ही कोविड जीवन सुरक्षा के टीके लगाए गए हैं। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष विनोद थापा ने अवगत कराया कि टीकाकरण से वंचित शिक्षक कोरोना सेंटरों में ड्यूटी करने में आशंकित औऱ जीवन के प्रति बहुत चिंतित हैं। उन्हें लगातार संक्रमित होने का खतरा बना हुआ है। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष विनोद थापा ने मुख्यमंत्री, माननीय शिक्षा मंत्री उत्तराखण्ड सरकार सचिव विद्यालयी शिक्षा उत्तराखण्ड शासन महानिदेशक एवं निदेशक विद्यालयी शिक्षा को ज्ञापन प्रेषित किया है।