हरेंद्र बिष्ट की रिपोर्ट।
थराली। देवाल एवं थराली के उत्तराखंड हरेंद्र बिष्ट की रिपोर्ट।
थराली। देवाल एवं थराली के उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों को तहसील थराली तहसील प्रशासन के द्वारा माल्यार्पण व अंग वस्त्र भेंट कर सम्मानित किया।इस मौके पर विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलनकारियों ने तहसील प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन सौंपा।
उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के मौके पर तहसील कार्यालय थराली के सभागार में तहसीलदार दिगम्बर सिंह नेगी की अध्यक्षता में आयोजित उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों के लिए आयोजित सम्मान समारोह में देवाल व थराली के आंदोलनकारियों को सम्मानित करते हुए राज्य प्राप्त के लिए 1994 में किए गए आंदोलन की खट्टी-मीठी यादों को ताजा करते हुए राज्य के विकास में योगदान करने पर बल दिया गया।इस मौके पर राज्य आंदोलनकारी भूपाल सिंह गुसाईं,देवी प्रसाद जोशी, मोहन बहुगुणा, लक्ष्मी प्रसाद देवराड़ी, नरेंद्र सिंह बिष्ट, कुंदन सिंह परिहार, हरेंद्र सिंह बिष्ट, कृष्णपाल सिंह गुसाईं, खीमानंद खंडूड़ी आदि को सम्मानित किया गया। सम्मान समारोह में राजस्व निरीक्षक जगदीश प्रसाद गैरोला, रजिस्ट्रार कानूनगो अशोक नौटियाल,नायब नाजिर बलवीर लाल, राजस्व उप निरीक्षक नवल मिश्रा, राजेश्वरी रावत, रोबिन सिद्धकी आदि मौजूद रहे। समारोह के बाद राज्य आंदोलनकारियों ने मुख्यमंत्री को संबोधित एक मांग पत्र तहसीलदार को सौंप।इस मांग पत्र आंदोलनकारियों को प्रति माह 22 हजार रूपए पेंशन देने,1950 के आधार मानकर मूल निवास प्रमाण पत्र निर्गत किए जाने, यूसीसी लागू नही किए जाने, गैरसैंण को राज्य की स्थाई राजधानी बनाएं जाने, हिमाचल की तर्ज पर उत्तराखंड में भी सशक्त भूकानून लागू किए जाने, राज्य आंदोलनकारियों एवं उनके आश्रितों को 10 लाख तक का निःशुल्क उपचार सुविधा उपलब्ध करवाने की मांग की हैं।।इस मौके पर विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलनकारियों ने तहसील प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन सौंपा।
उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के मौके पर तहसील कार्यालय थराली के सभागार में तहसीलदार दिगम्बर सिंह नेगी की अध्यक्षता में आयोजित उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों के लिए आयोजित सम्मान समारोह में देवाल व थराली के आंदोलनकारियों को सम्मानित करते हुए राज्य प्राप्त के लिए 1994 में किए गए आंदोलन की खट्टी-मीठी यादों को ताजा करते हुए राज्य के विकास में योगदान करने पर बल दिया गया।इस मौके पर राज्य आंदोलनकारी भूपाल सिंह गुसाईं,देवी प्रसाद जोशी, मोहन बहुगुणा, लक्ष्मी प्रसाद देवराड़ी, नरेंद्र सिंह बिष्ट, कुंदन सिंह परिहार, हरेंद्र सिंह बिष्ट, कृष्णपाल सिंह गुसाईं, खीमानंद खंडूड़ी आदि को सम्मानित किया गया। सम्मान समारोह में राजस्व निरीक्षक जगदीश प्रसाद गैरोला, रजिस्ट्रार कानूनगो अशोक नौटियाल,नायब नाजिर बलवीर लाल, राजस्व उप निरीक्षक नवल मिश्रा, राजेश्वरी रावत, रोबिन सिद्धकी आदि मौजूद रहे। समारोह के बाद राज्य आंदोलनकारियों ने मुख्यमंत्री को संबोधित एक मांग पत्र तहसीलदार को सौंप।इस मांग पत्र आंदोलनकारियों को प्रति माह 22 हजार रूपए पेंशन देने,1950 के आधार मानकर मूल निवास प्रमाण पत्र निर्गत किए जाने, यूसीसी लागू नही किए जाने, गैरसैंण को राज्य की स्थाई राजधानी बनाएं जाने, हिमाचल की तर्ज पर उत्तराखंड में भी सशक्त भूकानून लागू किए जाने, राज्य आंदोलनकारियों एवं उनके आश्रितों को 10 लाख तक का निःशुल्क उपचार सुविधा उपलब्ध करवाने की मांग की हैं।