रिपोर्ट-हरेंद्र बिष्ट
थराली। विकासखंड देवाल के अंतर्गत ग्राम पंचायत सरकोट की वन पंचायत क्षेत्र में बड़े-बड़े चीड़ के पेड़ो की कटान का मामला तूल पकड़ने लगा।मामला प्रकाश में आने के बाद बदरीनाथ वन प्रभाग गोपेश्वर के मध्य पिंडर रेंज थराली के रेंजर के नेतृत्व में वन विभाग की टीम ने स्थलीय निरीक्षण कर मामले की सच्चाई जानने का प्रयास किया हैं। इस दौरान टीम ने कांटे गए पेड़ों की संख्या, कटान की अनुमति सहित कई अन्य कड़ों से जांच शुरू कर दी है।दरअसल पिछले दिनों ग्वालदम-नंदकेसरी मोटर सड़क पर बसें सरकोट गांव की वन पंचायत में में अलकनंदा वन एवं भूमि संरक्षण रेंज थराली के सहयोग से वन पंचायत सरकोट के द्वारा सोडिग तोक के गंगलोड़-1 वन पंचायत क्षेत्र में 2018-19 से करीब 10 हैक्टेयर भूमि पर वनीकरण का कार्य शुरू किया गया था जोकि पिछले वर्ष तक जारी था।इस वनीकरण में पिछले दिनों अचानक दवानल भड़क उठी और वनीकरण स्वाह हों गया।
इसके बाद इस वनीकरण क्षेत्र में में कांटे गए पेड़ों का मामला प्रकाश में आया। मामला वन विभाग के सामने आने के बाद मध्य पिंडर रेंज थराली के वन क्षेत्राधिकारी हरीश थपलियाल के नेतृत्व में डिप्टी रेंजर माखन लाल एवं अन्य वनकर्मी वन पंचायत सरकोट में पहुंचे जहां पर उन्होंने काटे गए पेड़ों, उसके खूंटों,बनाई गई लकड़ियों, स्वीकृतियों के संबंध में जानकारी इकट्ठा की।
इस संबंध में पूछे जाने पर रेंजर हरीश थपलियाल ने बताया गया कि वन पंचायत सरकोट के सरपंच महेश नंद कुनियाल के अनुसार इस वर्ष अभी तक वन पंचायत क्षेत्र में पांच पेड़ छापें एवं काटे गए हैं। बताया कि नियमानुसार वन विभाग ने इन पेड़ों को काटने की किसी भी तरह की स्वीकृतिया जारी नही की हैं।एक तरह से काटे गए पेड़ अवैध रूप से काटे गए हैं। उन्होंने माना की काटे गए पेड़ों में कुछ पेड़ों की टहनियों की पत्तियां हरी मिली जिसका मतलब है कि पेड़ अभी हरे थें। उन्होंने वनीकरण क्षेत्र के अंदर काटे गए पेड़ों, एक ही पेड़ पर नियम कानूनों को ताक पर रख कर सड़क के काफी पास कई बार रहस्यमय घन मारे लगाये जाने पर आश्चर्य जताया हैं। रेंज आफिसर ने बताया कि मामला काफी गंभीर हैं।इसकी पूरी गंभीरता से जांच की जा रही हैं। इसके साथ ही मामले को उच्चाधिकारी के संज्ञान में लाया जाएगा, उच्चाधिकारी के दिशा-निर्देश के अग्रिम कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। दोषियों को किसी भी कीमत पर बक्सा नही जाएगा।