रिपोर्ट : लक्ष्मण सिंह नेगी
पंच केदार पंच बद्री की धरती उरगम घाटी में पर्यटन तीर्थाटन साहसिक एवं प्रकृति पर्यटन की अपार संभावनाएं विद्यमान है लगातार क्षेत्र के जनप्रतिनिधि एक लंबे समय से क्षेत्र को विकसित करने के लिए सरकार से मांग करते रहे हैं उर्गम घाटी में कल्प क्षेत्र विकास आंदोलन नामक संगठन 20 वर्षों से भी अधिक समय से यहां की बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए सरकार से मांग करता रहा है जिसमें कल्पेश्वर क्षेत्र में मोटर मार्ग के साथ-साथ बुनियादी सुविधाओं के लिए सरकार से संसाधन विकसित करने की मांग करता रहा साथ ही पिछले दिनों कल्पेश्वर दर्शन हेतु उत्तराखंड के मुख्य सचिव एवं ग्रामीण विकास सचिव डॉ बी आर आर आर पुरुषोत्तम के द्वारा भी कल्पेश्वर के दर्शन किए गए इस समय भी क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने विस्तारपूर्वक से इस क्षेत्र में पर्यटन तीर्थाटन की अपार संभावनाएं विद्यमान होने की बात इन सचिवों के सम्मुख रखी जिसमें 12 ट्रेकरूट कल्पेश्वर क्षेत्र से विभिन्न क्षेत्रों में जाते रहे हैं लोग अपने सीमित संसाधनों से इनको विकसित करते रहें कल्पेश्वर दर्शन हेतु आने वाले यात्रियों के लिए वर्ष 2002 में क्षेत्र में कार्यरत स्वयंसेवी संस्था जनदेश ने पंच केदार पंच बद्री दर्शन नामक पुस्तक का प्रकाशन भी किया देश विदेश के यात्रियों को यहां का साहित्य उपलब्ध कराते रहें इसी के साथ इस क्षेत्र में होमस्टे विकास के लिए ग्राम स्तर पर व्यक्तिगत प्रयास होते रहे हैं सबसे पहले पथिक लॉज नामक होम स्टे का निर्माण राजेंद्र सिंह नेगी के द्वारा किया गया देव दर्शन लांज स्वर्गीय महावीर सिंह नेगी, कृष्णा लॉज, कल्प प्लेस के अलावा कई अन्य लॉज इस क्षेत्र में बने है इसके अलावा यहां पर कई देशविदेशों से लेखक एवं घुमक्कड़ लोग यहां पर आते रहे हैं 25 वर्षों से इस क्षेत्र में चिपको नेत्री की याद मेंगौरा देवी पर्यावरण एवं प्रकृति पर्यटन विकास मेले का आयोजन सामाजिक संगठन जनदेश और स्थानीय ग्राम पंचायतों स्कूलों के माध्यम से संचालित होता रहा है साहसिक पर्यटन के लिए दिल्ली कु संस्था स्टेप का काफी बड़ा योगदान इस क्षेत्र में शाहशिक पर्यटन को बढ़ाने में रहा है स्टेप संस्था के सचिव सोमनाथ पाल हर वर्ष क्षेत्र में ट्रैकिंग दल लेकर के उच्च शिखरों की यात्रा लोगों से कराते रहे हैं स्थानी लोगो को जिससे यहां रोजगार मिलता रहा है यहां आयोजित होने वाले गौरा देवी पर्यावरण प्रकृति पर्यटन मेले से यहां पर प्रकृति पर्यटन निरंतर बढ़ता रहा है वर्तमान समय में शीतकाल के समय में भी पंच केदार कल्पेश्वर और ध्यान बद्री और उर्गम मैं हजारों की संख्या में यात्री यात्रा के लिए आ रहे हैं इन सब को देखते हुए उत्तराखंड पर्यटन विभाग के द्वारा उरगम घाटी में होमस्टे विकसित करने के लिए उत्तराखंड के पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने एक पत्र दिनांक 19- 12 -2022 को जारी करते हुए उरगम घाटी के वडगिडा, देवग्राम, गीरा, वांसा, भेंटा, पिलखी गवाणा आरोसी ल्यांरी थैणा ,डुमक गांव मैं होमस्टे निर्माण के लिए सरकार द्वारा दी जाने वाली योजनाओं के अंतर गत इन गांवों का चयन करने का अधिसूचना जारी की गई है इन ग्रामों को ट्रैकिंग टरेक्शन सेंटर होमस्टे नियमावली 2020 के अंतर्गत चयन किया गया है पर्यटन सचिव उत्तराखंड द्वारा स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि पात्र व्यक्तियों को इस योजना के अंतर्गत चयन किया जाए यह योजना के तहत उत्तराखंड के चुनिंदा गांव को चुना गया है। इस पत्र में यह भी कहा गया है कि जो व्यक्ति होमस्टे योजना के अंतर्गत पात्र पाये जाने वाले व्यक्तियों को होमस्टे दीनदयाल योजना के अंतर्गत राजकीय सहायता दी जाएगी। चमोली जिले के मुख्य विकास अधिकारी डॉक्टर ललित नारायण मिश्र ने बताया कि व्यापक स्तर पर उर्गम घाटी के गांव में राज्य सरकार के द्वारा होमस्टे को बढ़ावा दिया जा रहा है जिससे कि तीर्थाटन इन पर्यटन को बढ़ावा मिल सके चारों धाम यात्रा के समय जिन यात्रियों को रुकने की व्यवस्था राष्ट्रीय राजमार्ग पर आसानी से लॉज उपलब्ध नहीं हो पाते है वह इन स्थानों पर भी जाकर रुक सकते हैं जिससे कि ग्रामीणों की आजीविका में वृद्धि होगी और पंच बद्री और पंच केदार के मंदिरों में लोग आसानी से जा पहुंचेंगे।