आज दिनांक 28-09-2021 को लगातार 116वें दिन भी लखवाड-ब्यासी बांध जलविधुत परियोजना से पुर्ण रुप से प्रभावित एकमात्र जनजातीय राजस्व गांव लोहारी का धरना प्रदर्शन जारी रहा,जिसमें लोहारी के काश्तकारों द्वारा प्रदेश सरकार की असंवेदनशीलता तथा अन्यायपुर्ण नीति के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अपना रोष व्यक्त किया गया।लखवाड-ब्यासी बाँध से पुर्ण रुप से विस्थापित होने वाले एकमात्र राजस्व गांव के विस्थापन का मुद्दा प्रदेश के मुख्यमंत्री के संज्ञान में होते हुए भी अभी तक इस सम्बन्ध में कोई कार्यवाही नहीं की गयी है जो दर्शाता है कि प्रदेश के मुखिया को लोहारी के किसानों से कोई सरोकार नहीं है,टिहरी के विस्थापितों के लिए राज्य सरकार के पास पर्याप्त भूमि तथा पर्याप्त प्रतिकर है परंतु वहीं बात जब लोहारी के विस्थापितों को भूमि के बदले भूमि देने की आती है तो वर्तमान प्रदेश सरकार अपने हाथ पिछे खींच लेती है,एक हि प्रदेश में एक समान जलविधुत परियोजनाओं के लिए अलग-अलग नीति के तहत कार्य करना बेहद खेदजनक तथा दुर्भाग्यपूर्ण है।
अच्छा होता कि वर्तमान प्रदेश सरकार के मुखिया इस विषय पर पुर्ण जानकारी जुटाकर त्वरित हि लोहारी के प्रभावितों को भूमि के बदले भूमि आवंटित करने का कार्य करते।लोहारी के किसानों ने कहा कि जब तब वर्तमान प्रदेश सरकार 3-जनवरी-2017 के कैबिनेट के प्रस्ताव को पुनः बहाल नहीं कर देती तब तक आंदोलन ऐसे ही अनवरत जारी रहेगा,साथ हि किसानों ने कहा कि यदि धरना स्थल पर किसी भी प्रकार की जनहानि हुई तो उसकी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार तथा शासन-प्रशासन की होगी।आज धरना स्थल पर श्री सुखपाल तोमर,दिनेश तोमर,शूरवीर चौहान,संजय चौहान,राजेन्द्र तोमर,गजेन्द्र चौहान,अमित चौहान,टीकम सिंह,विजय चौहान,सोहनलाल तोमर,रमेश चौहान,सुरेंद्र तोमर,महेश तोमर,राजपाल तोमर,आरुष चौहान,दिवान,श्रीमति ब्रह्मी देवी,सावित्री देवी,गुल्लो देवी,उषा तोमर,बिजमा देवी,अनिता देवी,सुनिता चौहान,प्रमिला चौहान,जग्गो देवी,रोशनी देवी,प्रमिला तोमर,शर्मिला तोमर,प्रकाशी देवी,सुचिता तोमर,डिम्पल चौहान,धनवी तोमर,प्रियल,नथो देवी,चिंकी,अन्जू आदि लोग उपस्थित रहे।