थराली से हरेंद्र बिष्ट।
पिछले 48 घंटों से अधिक समय से जारी बारिश के कारण किसानों, पशुपालकों एवं आम जनता को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हैं। इसके साथ ही तमाम सरकारी निर्माण कार्यों पर भी बे मौसमी बारिश का विपरीत प्रभाव पड़ रहा हैं। निचले क्षेत्रों में बारिश होने एवं इस क्षेत्र के ऊंचाई पर स्थित रूपकुंड,होमकुंड, ज्यूरागली आदि पहाड़ियों पर हो रहे बर्फबारी के कारण ठंड काफी अधिक बढ़ गई हैं। जिससे बचने के लिए लोगों को डेढ़ माह पहले ही गर्म कपड़े निकालने पर मजबूर हों गए हैं। इसके अलावा बारिश होने के सभी सदाबहार गद्देरो, बरसाती नाली के साथ ही पिंडर,कैल,प्राणमती नदियों का जलस्तर बढ़ गया हैं।

गत शुक्रवार से पिंडर घाटी के सभी क्षेत्रों में लगातार रूक-रूक कर बारिश जारी है। जबकि त्रिशुली,नंदा घुघटी हिमपर्वत श्रृंखलाओं के नजदीकी क्षेत्रों में शीतकाल की पहली हिमपात होने से पूरी पिंडर घाटी में ठंड काफी अधिक बढ़ गई हैं। ठंड से बचने के लिए लोगों को मजबूरन गर्म कपड़ों को अपने बक्सो, दिवानो, आलमारियों से बहार निकालना पड़ा। इसके अलावा बे मौसमी बारिश के कारण किसानों, पशुपालकों को आपनी फसलों, दालों, घास, आदि को समेटने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा।कई तरह की तैयार फसलों, दालों के खराब होने का अंदेशा बढ़ता जा रहा है। बे मौसमी बारिश का विपरीत असर क्षेत्र में सरकारी निर्माण एवं विकास कार्यों पर भी पड़ रहा हैं। जिससे किसान, पशुपालक, मजदूर, ठेकेदारों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हैं। समाचार लिखे जाने तक क्षेत्र में रुक-रुक कर बारिश का सिलसिला जारी है।