प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। वन विभाग ने उर्गम घाटी में अज्ञात बीमारी से मृत मिले हिरन का पोस्टमार्टम कराया। बीमारी की जाॅच के लिए सैंपल भेजा गया है।
विगत दिनों उर्गम घाटी के विभिन्न जंगलों में अज्ञात बीमारी से हिरनांे के मरने की सूचना तथा उत्तराखंड समाचार द्वारा इस मसले को प्रमुखता से उठाने के बाद वन विभाग की टीम ने घाटी में पंहुचकर भेंटा-पिलखी गाॅवांे के बीच गरसा गधेरे के पास से मृत हिरन को कब्जे में लिया और जोशीमठ पशुचिकित्सा केन्द्र में मृत हिरन का पोस्टमार्टम कराया गया और हिरन के माॅस के सैंपल को जाॅच के लिए भेजा गया।
नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क क्षेत्रान्तर्गत हिरनों के अज्ञात बीमारी से मरने की सूचना पर वन महकमा भी हरकत में आ गया। उप वन संरक्षक किसन चंद्र के निर्देश पर जोशीमठ रैंज द्वारा विभागीय अधिकारियों/कर्मचारियों की टीम गठित कर उर्गम घाटी के जंगलांे की ओर रवाना कर दी गई हैं। जोशीमठ रैंज की रैंज आफीसर धीरेश विष्ट के अनुसार सूचना मिलने पर तत्काल सात सदस्यीय टीम को पिलखी-भंेटा की ओर भेजा गया। जहाॅ टीम को एक हिरन मृत अवस्था मे मिला। उसके शरीर के बाल निकले हुए थे और शरीर मंे कुछ दाने भी दिख रहे थे। मृत हिरन को नौंच भी रखा था। टीम ने हिरन को यथाशीध्र पशुचिकित्सालय जोशीमठ पंहुचाया और पोस्टमार्टम कर आवश्यक कार्यवाही पूर्ण की। सैंपल लेकर जाॅच के लिए भेजा गया है। श्री विष्ट ने बताया कि उर्गम घाटी के विभन्न जंगलों में सघन जाॅच अभियान के लिए चार-चार सदस्यांे की अलग-अलग टीम बनाकर रवाना कर दी गई है। अन्य स्थानों पर हिरनों की मृत शरीर मिलने पर अज्ञात बीमारी की विस्तृत जाॅच कराई जाऐगी।
गौरतलब है कि सामाजिक संस्था जनदेश के सचिव लक्ष्मण सिंह नेगी ने पिलखी व भेंटा गाॅवांे के बीच गरसा गधेरे में मृत हिरन की जानकारी के साथ ही घाटी के द्वारीधार व मोरसा नामक जंगलों मंे मृत हिरनांे के शव देखे जाने की बात कही थी। उन मृत हिरनांे के भी शरीर के बाल निकले हुए व शरीर में धब्बे-धब्बे दिखने की सूचना दी थी। साथ ही इसी प्रकार की बीमारी जंगली सुअरों में देखे जाने की सूचना दी थी।
वन विभाग द्वारा फिलहाल गरसा गधेरे में मृत मिले हिरन का पोस्टमार्टम तो करा दिया है, लेकिन घाटी के अन्य जंगलों में भी अज्ञात बीमारी से हिरनों की कितनी मौत हुई है, इसकी जानकारी टीमों के लौटने के बाद ही मिल सकेगी।