फोटो-
01-उर्गमघाटी को पर्यटन डेस्टिनेशन बनाने को लेकर जानकारियाॅ जुटाते गठित कमेटी के अध्यक्ष एसडीएम चन्याल व सदस्यगण।
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। उर्गम घाटी को टूरिज्म डेस्टिनेशन बनाने की कवायद तेज हो गई है। एसडीएम ने टीम के साथ पूरी घाटी का स्थलीय निरीक्षण कर लोगांे से भी जानकारी जुटाई। बुधबार को ट्रैक मैप व साहित्य के साथ घाटी के ग्रामीणों को तहसील कार्यालय बुलाया गया है।
प्रकृति की मनोरम घाटी उर्गम भी 13डिस्ट्रक 13डिस्टिनेशन के तहत चयनित की जा सकती है। इसके लिए प्रशासन के स्तर पर कार्यवाही तेज हुई है। जिलाधिकारी द्वारा एसडीएम जोशीमठ की अध्यक्षता मे गठित कमेटी द्वारा उर्गम घाटी का सघन भ्रमण कर डिस्टिनेशन की संभावनाओ की तलाश की गई। कमेटी के सदस्यो ने ल्यारी-थैंणा से कल्पेश्वर तक के पूरे क्षेत्र मे भ्रमण कर अनेक जानकारियाॅ जुटाई। भ्रमण के उपरांत उर्गम के रामलीला मैदान मे एक बैठक का आयेाजन भी किया गया। जिसमे उपस्थिति ग्रामीणों से उर्गम घाटी की विस्तार से जानकारी ली गई।
ईको पर्यटन विकास समिति उर्गम की पहल पर शुरू हुई डिस्टिनेशन बनाने की तैयारियों के पहल चरण की जानकारी लेने पंहुचे उपजिलाधिकारी अनिल कुमार चन्याल ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा उत्तराखंड के 13जनपदो मे 13पर्यटन डिस्टिनेशन बनाने के संकल्प के तहत जनपद चमोली के उर्गम घाटी मे भी डिस्टिनेशन बनाए जाने की संभावनाओ पर गहन मंथन के लिए ही जिलाधिकारी द्वारा कमेटी गठित की गई है। कमेटी के सभी सदस्यो ने घाटी का ब्यापक भ्रमण किया है और विस्तृत जानकारी ली हैं। ग्रामीणो ने भी पर्यटन को बढावा देने से संबधित अनेक जानकारियाॅ दी है। इसके अलावा ईकेा पर्यटन विकास समिति से घाटी के साहित्य व ट्रैकिंग रूटो के मानचित्र के साथ बुधबार को जोशीमठ बुलाया गया है।
उपजिलाधिकारी की अध्यक्षता मे गठित कमेटी के सदस्यो के उर्गम पंहुचने पर ईकेा विकास समिति के अध्यक्ष राजेन्द्र सिह नेगी, उर्गम के निर्वतमान प्रधान हरीश परमार, वन पंचायत सरपंच भगवती प्रसाद सेमवाल,देवग्राम के बख्तावर सिह, मेला कमेटी के अध्यक्ष राजेन्द्र रावत, पंडित मोहन प्रसाद शास्त्री, भर्की के निर्वतमान प्रधान दुलब सिह रावत,बलबीर सिंह नेगी, राम सिंह नेगी सहित अनेक ग्रामीणों ने कमेटी के साथ भ्रमण कर कमेटी को घाटी की विस्तार से जानकारी दी।
ईको पर्यटन विकास समिति के अध्यक्ष राजेन्द्र सिह नेगी ने बतया कि पंच बदरी व पंच केदारो की भूमि उर्गम मे स्थित दोनो पौराणिक मंदिर वर्षभर खुले रहते है। इसके अलावा उर्गम से ही वंशीनारायण, फॅयूलानारायण सहित अनेक बुग्यालो का मार्ग भी हैं। यदि इस घाटी का पर्यटन डिस्टिनेशन के रूप मे चयन किया जाता हैं तो न केवल ग्रीष्मकाल ब्लाकि शीतकाल मे इस घाटी मे पर्यटको का आवागमन बढेगा और घाटी का पलायन भी रूकेगा।
उर्गम घाटी को पर्यटन डिस्टिनेशन बनाने के लिए गठित टीम के सदस्य जोशीमठ के तहसीलदार चंद्रशेखर बशिष्ठ, रैंज आफीसर धीरेश च्रद विष्ट, जिला पर्यटन अधिकारी व ग्रामीण निर्माण विभाग के अभियंता ने घाटी मे पंहुचकर डिस्टिनेशन बनाए जाने से संबधित विस्तृत जानकारी ग्रामीणों से ली।
बताते चले कि ईको पर्यटन विकास समिति के अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह नेगी ने सूबे के पर्यटन सचिव दलीप जावलकर के सम्मुख उर्गम घाटी मे पर्यटन की संभावनाओ से संबधित विस्तृत प्रस्तुतीकरण प्रस्तुत किया था। जिसमे महत्वपूर्ण दस्तावेज व फोटोग्राफ भी थे। प्रस्तुतीकरण व दस्तावेजो की जानकारी के बाद पर्यटन सचिव ने जिलाधिकारी को पत्र भेजकर आवश्कतानुसार कन्सलटेंट हायर कर एक होलिस्टिक प्लान एंव पर्यटन से संबधित कोई योजना जो राज्य मे पर्यटन को बढावा देने लायक हो। के संबन्ध मे आख्या उत्तराखंउ पय्र्रटन विकास परिषद को उपलब्ध कराने की अपेक्षा की गई थी।
उर्गम घाटी मे कमेटी द्वारा भ्रमण व जानकारियाॅ जुटाने के बाद घाटी के ग्रामीणों को उम्मीद है कि मुख्यमंत्री के 13डिस्ट्रिक 13डिस्टिनेशन के सपने को साकार करने मे उर्गम घाटी भी सहायक सिद्ध होगी। और जनपद चमोली मे डिस्टिनेशन हेतु उर्गम घाटी का अवश्य चयन होगा।