
देहरादून। उत्तराखंड क्रान्ति दल के वरिष्ठ नेता, चिंतक व आंदोलनकारी स्व० वेद उनियाल का 69 वाँ जयंती पार्टी कार्यालय 10 कचहरी देहरादून में उनको नमन करते हुये श्रद्धांजलि देते हुये मनाया। इस अवसर पर स्व० वेद उनियाल की धर्मपत्नी श्रीमति महेंद्र कौर उनियाल को दल के संरक्षक व पूर्व अध्यक्ष बी०डी० रतूड़ी ने शाल भेंट कर सम्मानित किया।
इस अवसर पर बी डी रतूड़ी जी ने अध्यक्षीय संबोधन में वेद भाई को याद करते हुये कहा कि वेद उत्तराखंड राज्य के जनसरोकारों के सोच के व्यक्ति थे। पहाड़ परख नीति कैसे बने इसके इसके समर्थक रहे। पहाड़ के लिए उत्तराखंड मांगा। नीतिगत फैसले ये होना चाहिए। इस अवसर पर उत्तराखंड आंदोलनकारी मंच के अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी जी ने कहा कि सभी आंदोलनकारियों को साथ में लेकर चलने को लेकर वेद उनियाल जी कहा करते थे। वेद उनियाल पहाड़वाद के सबसे बड़े समर्थक थे। जिसके लिए उत्तराखंड राज्य मांगा। राज्य आंदोलनकारी व रंगकर्मी जयदीप सकलानी ने स्व०श्री वेद उनियाल जी को याद करते हुए कहा कि वेद अपने नाम से सर्वोपरि थे। युवाओं और महिलाओं के अधिकारों के लिये हमेशा सजग रहे। पहाड़बाद के सबसे बड़े द्योतक थे।
सुरेंद्र सिंह पांगती ने नमन करते हुये कहा कि वेद उनियाल राज्य के समर्थक के साथ पहाड़ परख नीतियों जिससे पलायन न हो सके इसके लिये चिंतक रहे। पी सी थपलियाल जी ने कहा कि वेद उनियाल थिंक टैंक के साथ नीति निर्माताओं में एक थे। उनको नमन करते हुए लताफत हुसैन ने वेद भाई के यादों को बताया कि कार्यक्रमो की रूपरेखा को तय करते थे। कार्यक्रम में वेद भाई को श्रद्धांजलि देते हुए उनकी पत्नी श्रीमती महेंद्र कौर उनियाल ने कहा कि वो हमेशा समाज और आंदोलन के लिये समर्पित रहे।
वेद उनियाल ने जन सरोकारों से जुड़े मुद्दों को लेकर आगे रहे।
कार्यक्रम के संयोजक व केन्द्रीय प्रबक्ता सुनील ध्यानी ने कहा कि सब०श्री वेद उनियाल अपने आप मे एक संस्थान थे। ज्ञान का भंडार वेद भाई थे। इस अवसर पर सुनील ध्यानी में स्व०वेद उनियाल विचार मंच की घोषणा क़री। जो वेद उनियाल के विचारों को आगामी पिद्दी तक पहुंचाएगा। युवा प्रकोष्ठ के केंद्रीय अध्यक्ष श्री राजेन्द्र बिष्ट ने कहा कि सब०श्री वेद उनियाल युवाओं के प्रेणा श्रोत रहे है।
इस अवसर पर बहादुर सिंह रावत, प्रताप कुँवर, शकुंतला रावत, अशोक नेगी, विजेंदर रावत, प्रमिला रावत, अनिल डोभाल, बेबी भटरचार्य, प्रभात डंडरियाल, राजेन्द्र बिष्ट, बृजमोहन सजवाण, श्याम सिंह रमोला, लक्ष्मी कांत भट्ट, देवेंद्र रावत, अंकेश भंडारी, प्रभात डंडरियाल, रामपाल आदि थे।