देहरादूनः सचिवालय में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई उत्तराखंड कैबिनेट की बैठक में आज कुल 30 मुद्दे चर्चा के लिये रखे गये थे। दो विषय वापस लिये गये जबकि एक विषय पर कमेटी गठित करने का फैसला लिया गया है।
कैबिनेट फैसले.
केंद्रीय सेवा नियमावली 2006 के संशोधन को मिली सहमति।
भारतीय वन सेवा नियमावली में केंद्र सरकार द्वारा किये गए संशोधन को राज्य की सहमति के लिए बनाई गई कमेटी।
आउटसोर्स भर्ती के कर्मचारियों का यात्रा भत्ता बढ़ाया गया।
सेस जमा करने के लिए खोला गया नया खाता।
सहायक अभियंता 30, अपर अभियंता 30, को चयनित किया गया है, जो प्रदेश के कई सरकारी भवनों आपदा की दृष्टि से अपडेट किया जाएगा। इसके लिए 3076 करोड़ का आएगा खर्च।
भूकंप के दृष्टिगत राज्य के भीतर दीनदयाल उपाध्याय भूकंप सुरक्षा योजना को तैयार किया है, इसमें करीब 5 साल में 150 करोड़ का आएगा खर्च। सामूहिक रेडियो कमेटी बनाई गई। इसके लिए 10 लाख का अनुदान और हर साल 2 लाख रुपये अनुदान परिचालन के लिए दिया जाएगा।
डीएमएमसी में यूएसडीएमए को शामिल करने पर कैबिनेट की लगी मुहर।
व्यवसाय संघ के यूनियन पर सरकार का शिकंजा, अब कुल कर्मचारी के 30 फीसदी कर्मचारी ही संघ में रहेंगे शामिल।
सहायक वित्त अधिकारी का पद नाम बदलकर सहायक लेखा अधिकारी किया गया।
श्रम विभाग अधिनियम. 1970 में संशोधन।
आयुष चिकित्सा अधिकारी को प्रैक्टिस भत्ता जारी समय से दिया जाएगा, 4 जनवरी 2017 से अभी तक का भत्ता दिया जाएगा।
स्टार्टअप नीति में किया गया संशोधन।
स्टोन क्रेसर, स्टोन स्क्रीन प्लांट, मोबाइल क्रेसर, मोबाइल स्क्रीन प्लांट के लिए बनाई गई नीति पर मुहर।
रजिस्ट्रेशन की अवधि 5 साल से 10 साल की गई, यानी आवेदन को शुल्क 20 लाख देने होंगे।
प्लांट लगाने के लिए सरकारी वन से 100 मीटर दूर होना चाहिए, नदी के किनारे से 3 किलोमीटर होना चाहिए, पुराने प्लांट का दोबारा रजिस्ट्रेशन करने पर उन पर भी होगा लागू।
31 मार्च 2019 तक जिन शिक्षकों ने टीटी पास कर लिए हैं उन्हें स्थायी नियुक्ति दी जाएगी।
उत्तराखंड कृषि उत्पादन मंडी अधिनियम.2019 के धारा. 61 में संशोधन किया गयाण्उत्तराखंड जैविक कृषि विधेयक को कैबिनेट की मंजूरी, विधानसभा सत्र में लाया जाएगा।
गौरतलब है कि पहले यह ई.कैबिनेट होनी थी, लेकिन तैयारियां पूरी न होने से बैठक परंपरागत प्रारूप में ही रखी गई। ई.कैबिनेट के लिए मंत्रियों और अफसरों को ट्रेनिंग भी दी गई थी, लेकिन इसके बाद भी प्रदेश की पहली ई कैबिनेट इस बार नहीं हो पाएगी।