स्वाइन फ्लू के मरीजों के सैंपल जांच के लिए अब दिल्ली नहीं भेजे जाएंगे। जल्द ही राजकीय दून मेडिकल कॉलेज में सैंपलों के जांच की व्यवस्था होगी। राजकीय दून मेडिकल कॉलेज में सैंपल की जांच से छह से आठ घंटे के भीतर पता चल जाएगा कि मरीज को स्वाइन फ्लू है या नहीं।
अभी स्वाइन फ्लू के संदिग्ध मरीजों की सैंपल जांच के लिए नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) दिल्ली को भेजे जाते हैं, जिनकी रिपोर्ट आने में एक सप्ताह या इससे अधिक समय लगता है। कई बार तो अस्पतालों में रिपोर्ट आने से पहले ही मरीज दम तोड़ देते हैं।
मुख्यमंत्री द्वारा पिछले साल शुरू किए गए इस प्रयास के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राजकीय दून मेडिकल कॉलेज को स्वाइन फ्लू जांच की मान्यता दे दी है। वहीं मेडिकल कॉलेज में वायरोलॉजी लैब की राह भी अब खुलती दिख रही है।
बता दें कि हाल में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की एक टीम ने दून में वायरोलॉजी लैब स्थापित करने के लिए विभिन्न स्वास्थ्य इकाईयों का निरीक्षण किया था। यह प्रदेश के किसी सरकारी अस्पताल या मेडिकल कॉलेज में स्थापित होने वाली अपनी तरह की पहली लैब होगी। इस कदम से उत्तराखंड इन्फ्लूएंजा सर्विलास लैबोरेटरी नेटवर्क (आइएसएलएन) का भी हिस्सा बन जाएगा।
इस प्रयोगशाला की जरूरत इसलिए भी है, क्योंकि प्रदेश में स्वाइन फ्लू लगातार असर दिखा रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय की माइक्रोबायोलॉजी लैब में एनएचएम के जरिये स्वाइन फ्लू जांच की मशीनें लगेंगी। प्राचार्य डॉ. प्रदीप भारती गुप्ता ने बताया कि इस प्रक्रिया में लगभग एक माह का समय लगेगा। उन्होंने बताया कि वायरोलॉजी लैब के लिए भी जल्द मंजूरी मिलने की उम्मीद है।
प्रदेश में यहां होती है स्वाइन फ्लू की जांच-
उत्तराखंड में अभी केवल श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में स्वाइन फ्लू की जांच होती है, लेकिन इसके लिए एक अच्छी खासी रकम मरीज को खर्च करनी पड़ती है। लेकिन अब इसके बाद स्वाइन फ्लू की जांच दून अस्पताल में ही होगी।