हरेंद्र बिष्ट की रिपोर्ट।
थराली।
बीते दो सालों से लकड़ी के अस्थाई पुल से आवाजाही को मजबूर थराली, सूना देवलग्वाड़, पैनगढ आदि गांवों के ग्रामीणों के लिए गुरुवार को एक राहत देने की खबर आई हैं। थराली के उपजिलाधिकारी कमलेश मेहता ने लोनिवि थराली को बरसात पूर्व प्राणमती नदी पर बैली ब्रिज लगाने के सख्त निर्देश दिए हैं।
दरअसल थराली -सूना-पैनगढ़ मोटर सड़क पर प्राणमती नदी पर दो साल पहले बना मोटर पुल दैवी आपदा की भेट चढ़ गया था। जिसके बाद इस क्षेत्र के ग्रामीण को लकड़ी के अस्थाई पुल से बरसात के महिनों को छोड़ अन्य महिनों में वाहनों से आवागमन करने पर मजबूर होना पड़ रहा हैं।इस नदी पर वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर बैली ब्रिज की स्थापना के लिए
उपजिलाधिकारी थराली कमलेश मेहता ने गुरुवार को लोनिवि थराली के सहायक अभियंता जेके टम्टा,सिंचाई थराली के अवर अभियंता संतोष नेगी,वन विभाग थराली के रमेश भंडारी,नगर पंचायत थराली के अधिशासी अधिकारी अकबीर सिंह, एनपीसीसी के मनैजर नरेंद्र तोमकियाल,पीएमजीएसवाई कर्णप्रयाग के सहायक अभियंता डीएस भंडारी, थराली तहसील के आरके अशोक नौटियाल के साथ पहले तहसील कार्यालय में एक बैठक की और उसके बाद संयुक्त रूप से नदी का स्थलीय निरीक्षण कर बरसात तक हर हाल में नदी पर बैली ब्रिज स्थापित कर इस सड़क पर नियमित यातायात संचालन करने के निर्देश दिए।
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लकड़ी के अस्थाई पुल के अपस्ट्रीम में बैली ब्रिज लगाने के निर्देश लोनिवि थराली को दिए हैं, अपस्ट्रीम में ब्रिज की स्थापना होने से जहां ब्रिज सुरक्षित रहेगा वही इस सड़क पर नियमित यातायात संचालन हो सकेगा।
कमलेश मेहता
उपजिलाधिकारी थराली
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बहे मोटरपुल से करीब 100 मीटर अपस्ट्रीम में देकुना तोक के पास से 150 फिट लंबे वैली ब्रिज का निर्माण,भूमि अधिग्रहण, ब्रिज के दोनों ओर करीब 350 मीटर पहुंच मार्ग, मुआवजे आदि का आंगणन तैयार कर लिया है,जिस पर करीब एक करोड़ रूपए की लागत आएगी।
जेके टम्टा
सहायक अभियंता
लोनिवि थराली