चमोली जिले के जोशीमठ तहसील के बिलागढ़ राजस्व गांव कभी जिंदगियां चहकती थी। लेकिन कथित विकास की वाहक धौलीगंगा परियोजना के टनल के ऊपर स्थित इस गांव के घरों में दरारें पड़ने लगी और भरा पूरा गांव इस विकास की भेंट चढ़ गया। 35 परिवारों के भरे पूरे गांव में अब सिर्फ 13 परिवार रह गए हैं। जो कभी भी गांव छोड़ सकते हैं।
जब से तपोवन में धौलीगंगा नदी पर 520 मेगावाट के बिष्णुगढ़-तपोवन नाम से निर्माणाधीन जल विद्युत परियोजना का काम शुरू हुआ और यह गांव उनकी मुख्य टनल डायवर्जन के ऊपर स्थित है। इस गांव में डोभाल, थपलियाल ब्राहमण रहते हैं। कंपनी का काम शुरू होने के बाद जब टनल अस्थित्व में आई तो गांव के अधिकांश मकानों में दरारें आ गयी। गांव के नीचे और ऊपर दोनों तरफ जो भूस्खलन हो रहा है, उससे गांव में खेतीबाड़ी को भारी क्षति पहुंची है। गांव में निवास कर रहे लोग खेती एवं पशुपालन पर निर्भर करते हैं। कंपनी के निर्माण कार्यों के कारण भारी विस्फोट उपयोग करने से गांव को खतरा पैदा हो गया।
सरपंच अंकित डोभाल कहते हैं अपनी माटी को छोड़ने का दर्द सबको होता है। इस गांव को बचाने की आवश्यकता है। एक संस्कृति ही समाप्त हो जाएगी, यदि हमारे गांव के सभी लोग यहां से चले जाएंगे। यह ग्राम पंचायत न्याय पंचायत तपोवन का एक हिस्सा है। एक जमाने में इसी गांव से ज्योतिष एवं विकास की आवाज उठती थी। आज यही गांव पलायन का दंश झेल रहा है।
लक्ष्मण सिंह नेगी एवं रघुवीर सिंह चौहान की रिपोर्ट