अभी शादी के छह महीने भी नहीं हुए थे, पति-तत्नी के बीच किसी झगड़े या विवाद के कोई सबूत भी नहीं हैं, इसके बावजूद ऐसा क्या हुआ कि पति को चाकू से पत्नी का गला काटना पड़ा या ससुराल आकर पत्नी को अपने हाथों अपना गला काटना पड़ा। कहानी सच्ची है और रहस्यमय लगती है। पुलिस इस रहस्य से पर्दा उठाने के प्रयास में जुटी है। यदि जांचकर्ता का रोल निष्पक्ष रहा तो रहस्य से पर्दा उठना इतना कठिन भी नहीं होगा।
बात उधमसिंह नगर जिले के किच्छा के अंतर्गत सिरौली गांव की है। सिरौली निवासी अबरार की छह माह पहले बरेली जिले के अंतर्गत देवरनिया गांव बिहारीपुर निवासी नबी अहमद की बेटी नेहा से निकाह हुआ था। नबी की छह बेटियों में 19 वर्षीय नेहा दूसरे नंबर की थी। अबरार घर पर ही सिलाई का कार्य करता था, उसकी रोजी रोटी ठीक-ठाक चल रही थी। छह माह से अधिक हो चुकी इस शादी में दोनों के बीच किसी तरह के विवाद की कोई सूचना नहीं है। मई महीने में नेहा अपने ससुराल से सहमति लेकर अपने मायके बरेली आई थी। अबरार की नेहा से फोन पर बात हुई कि वह उसे लेने आ रहा है। 23 तरीख को अपने दो परिजनों और कार चालक के साथ वह नेहा के मायके पहुंचे। सोमवार पांच बजे वह अपने घर सिरौली पहुंच गए। रात करीब साढ़े आठ बजे किसी महिला का नेहा के पिता के घर फोन आया कि नेहा ने अपना गला काट लिया है। मामले की सूचना पुलिस को दी गई और पुलिस ने अबरार को गिरफ्तार कर लिया।
अब सवाल यह उठता है कि यदि सबकुछ ठीक चल रहा था तो अबरार ने इतना बड़ा कदम कैसे उठा लिया कि चाकू से अपने पत्नी का गला काट डाला? ससुराल पक्ष जिस तरह दावा कर रहा है कि नेहा ने खुद अपने हाथ से अपना गला काट डाला, इसका तर्क भी गले से नहीं उतर रहा। सहमति से माइके गई थी और सहमति से वापस ससुराल आई नेहा ऐसा कदम क्यों उठाएगी? पुलिस के लिए यह कोई बहुत पैंचीदा मामला नहीं है। यदि जांच सही हुई तो बहुत जल्दी असलियत सामने आ जाएगी।