प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ।
रैणी मे अवरूद्ध सडक पर दूसरे दिन भी काम शुरू नही हो सका। ग्रामीणों की विस्थापन की मांग पर दिनभर बैठक चलती रही। खबर भेजे जाने तक बीआरओ कार्य शुरू नही कर सका था।भारी बारिश व भूस्खलन के कारण रैणी मे गौरा देवी संग्रहालय के समीप करीब तीस मीटर सडक पूरी तरह ध्वस्त हो गई थी। उस स्थान पर सडक को खोलने के लिए एक ही विकल्प था कि सडक के ऊपरी ओर से ही करीब 40मीटर भूमि कटान कर सडक का निर्माण किया जाना था। ताकि सीमान्त नीती घाटी व भारत-तिब्बत सीमा को सडक संपर्क से जोडा जा सके।
बीते रोज तहसीलदार चन्द्रशेखर वशिष्ठ से ग्रामीणों की लंबी वार्ता हुई थी, जिसके बाद अस्थाई विस्थापन व सुरक्षात्मक तरीके से भूमि कटाव करने की मांग पर तहसीलदार द्वार विस्थापन पर उच्चाधिकारियो से सकारात्मक वार्ता किए जाने का आश्वासन दिया था। बीते रोज ग्रामीणों से हुई वार्ता के बाद लौटकर तहसीलदार वशिष्ठ ने जानकारी दी थी कि ग्रामीणों से सकारात्मक वार्ता हई और देर रात्रि को अथवा मंगलवार सुबह से सडक खोलने का कार्य शुरू कर दिया जाऐगा।
लेकिन मंगलवार सुबह जैसे ही बीआराओ की मशाीने कार्य करने लगी वैसे ही ग्रामीणो ने वहाॅ पंहुकर बीआरओ का काम रूकवा दिया। जिसकी सूचना बीआरओ की ओर से तत्काल डीएम चमोली को दी गई। डीएम चमोली ने जोशीमठ मे तैनात ज्वाइंट मजिस्ट्रेट डा0दीपक सैनी तहसीलदार चंन्द्रशेखर वशिष्ठ व नायब तहसीलदार प्रदीप नेगी को मौके पर भेजकर नए एलाइमेंन्ट से सडक की कटिंग कराए जाने पर ग्रामीणों से वार्ता करने के निदेश दिए। अधिकारियों ने पूरे दिन ग्रामीणो से वार्ताए की। लेकिन समाचार भेजे जाने तक बीआरओ कार्य शुरू नही कर सका था।
बीआरओ के 21टास्क फोर्स के कमांन्डर कर्नल मनीष कपिल के अनुसार सुबह से उनकी देा मशीने व कार्मिक मौके पर खडे है लेकिन कार्य शुरू नही हो सका। वे लगातार डीएम चमोली से संपर्क मे है। रैणी वल्ली के प्रधान दीपक राणा के अनुसार ग्रामीणों की मंाग है कि जब तक स्थाई पुर्नवास नही हो जाता तब तक अस्थाई पुर्नवास की ब्यवस्था की जाय, ग्रामीणों से वार्ता करने गए अधिकारियों से संपर्क करने का प्रयास किया गया। लेकिन नेटवर्क कनेक्टविटी ना होने के कारण उनसे वार्ता नही हो सकी।