देहरादून। राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय मालदेवता रायपुर देहरादून में समान नागरिक संहिता उत्तराखंड के संदर्भ में जागरूकता हेतु एक कार्यशाला का आयोजन राजनीतिशास्त्र विभाग द्वारा किया गया। जिसमें विभागाध्यक्ष डॉ सरिता तिवारी ने उक्त कानून की शुरुआत अन्य देशों (अमेरिका,फ्रांस,तुर्की) में इसके प्रचलन एवं भारत में इसको लेकर किए गए संवैधानिक प्रावधान पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व की बात कही गई है। इसमें हम समानता के लक्ष्य को तभी प्राप्त कर सकते है जब सभी नागरिकों के लिए विवाह, संपत्ति तलाक, वसीयत को लेकर कानून एक समान हो। धर्म और पंथ के आधार पर बने अलग अलग नागरिक कानून अड़चनें पैदा करते है। धर्मनिरपेक्षता,राष्ट्रीय एकता और अखंडता, साथ ही लैंगिक समानता के लिए एक समान नागरिक कानून का होना आवश्यक है। गोवा के समान नागरिक संहिता से उत्तराखंड का कानून किस प्रकार भिन्न है इसके बारे में भी बताया। इस अवसर पर डॉ ऋतु कश्यप, डॉ आशुतोष शर्मा, डॉ शैलेन्द्र सिंह, आरुषि नरवाल ,शीतल नौटियाल,पल्लवी आदि मौजूद रहे।