प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ।
विश्व धरोहर फूलों की घाटी में प्रवेश अब अगले वर्ष गरमी में ही मिल पाएगा। वन विभाग का स्टाफ घाटी से गोविंदघाट लौट आया है। इस वर्ष 14 हजार 965 पर्यटकों ने फूलों की घाटी का दीदार किया।
विश्व धरोहर फूलों की घाटी बीती सायं इस वर्ष के लिए बंद कर दी गई। वन विभाग का स्टाफ जो हेमकुंड साहिब के कपाट बंद होने के बाद घाटी की सुरक्षा के लिए तैनात था वो बृहस्पतिवार को गोविंदधाट लौट आया है।
फूलों की घाटी रेंज के वन क्षेत्राधिकारी बृजमोहन भारती के अनुसार इस वर्ष 01 जून से 31अक्टूबर तक घाटी मे कुल 14हजार 965 पर्यटक पंहुचे, जिनमें 14 हजार 215 भारतीय व 750 विदेशी पर्यटक थे। इन पर्यटकों से वन विभाग को 25 लाख का राजस्व प्राप्त हुआ। श्री भारती के अनुसार इस वर्ष गत वर्ष की अपेक्षा पर्यटकों संख्या मे बढोत्तरी हुई है। गत वर्ष इस अवधि मे देशी व विदेशी कुल 12 हजार 645 पर्यटक पंहुचे थे। और 18 लाख रूपये का आय हुई थी।
उन्होंने बताया कि घाटी की सुरक्षा के लिए तैनात पाॅच वन आरक्षी व एक वन दारोगा वापस अपने मुख्यालय गोविदघाट पंहुच गए हैं। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष पर्यटकों की सुविधा के लिए घाटी में अन्य कार्य किए जाऐंगे। खडी चढाई वाले मार्ग के अलावा वैकल्पिक मार्ग तैयार करने के लिए भी मुख्य वन संरक्षक को अवगत कराया गया है। इसके अलावा फूलों की घाटी रेंज के प्रवेश द्वार पर वन कर्मियों के लिए बनाए गए आवासीय हटों मे भी अगले वर्ष विद्युतीकरण कर दिया जाएगा।