देहरादून। एक संवेदनशील पत्रकार, विभिन्न मुद्दों पर गहरे घुसकर लिखने वाले लेखक पौड़ी निवासी ललित मोहन कोठियाल पहाड़ में स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में हम सबको छोड़कर चले गए। कोठियालजी जब विभिन्न विषयों पर गंभीर लेखन में जुटे हुए थे, उनका यों ही चला जाना कई सवाल खड़े करता
बताया जा रहा है कि सुबह वह अपने घर पर बेसुध पड़े हुए थे। चूंकि उन्होंने शादी नहीं की थी, इसलिए वह पौड़ी में अकेले ही रहते हैं। उनके पड़ौस में रहने वाले किसी व्यक्ति को जब उनके बीमार होने की जानकारी मिली तो उन्होंने पाया कि एलमोहन कोठियाल की स्थिति चिंताजनक वह कुछ अन्य लोगों के सहयोग से उन्हें जिला अस्पताल ले गए।
पौड़ी जिला अस्पताल की सुविधाओं के से सभी वाकिफ रहे हैं। उन्हें तुरंत श्रीनगर बेस अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। एंबुलेंस से उन्हें श्रीनगर ले जाया गया। वहां पहुंचते-पहुंचते साढ़े दस से अधिक बज चुके थे। डाक्टरों ने उन्हें पंप देकर किसी तरह इस क्रिटिकल स्थिति से उबारने की कोशिश की, लेकिन यह संभव नहीं हो सका।
इस बीच प्रदेश भर के पत्रकार साथी उन्हें एयर लिफ्ट कर देहरादून लाने के प्रयास में जुटे रहे। गैरसैंण से वरिष्ठ पत्रकार पुरुषोत्तम असनोड़ा का फोन आया तो हम भी इस प्रयास में जुट गए। मुख्यमंत्री के औद्योगिक सलाहकार केएस पंवार के सहयोग से हेलीकाप्टर से उन्हे ंएयरलिफ्ट करने की सहमति भी मिल गई, लेकिन तब तक उनके प्राण पखेरू उड़ गए।