• About Us
  • Privacy Policy
  • Cookie Policy
  • Terms & Conditions
  • Refund Policy
  • Disclaimer
  • DMCA
  • Contact
Uttarakhand Samachar
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल
No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल
No Result
View All Result
Uttarakhand Samachar

कला के चितेरे बी मोहन नेगी के साथ दो दिन की यात्रा में बहुत कुछ सीखने को मिला

October 25, 2018 - Updated on November 10, 2018
in संपादकीय
Reading Time: 1min read
0
SHARES
95
VIEWS
Share on FacebookShare on WhatsAppShare on Twitter

शंकर सिंह भाटिया

सन् 2010 की बात थी, तारीख याद नहीं-

मैं अपनी पुस्तक ‘‘उत्तराखंड के सुलगते सवाल’’ को अंतिम रूप देने के लिए पहाड़ की यात्रा पर निकला था, देहरादून से चलकर मेरा पहला पड़ाव पौड़ी था। पौड़ी सर्किट हाउस में रुका, वहां कई अन्य मित्रों के साथ बी मोहन नेगीजी से भी मुलाकात हुई। मैंने मित्रों से साथ में चलने का प्रस्ताव किया तो बी मोहन नेगी एक दो दिन के लिए अल्मोड़ा तक साथ चलने को तैयार हो गए। अगले दिन हम पौड़ी से चलकर रुद्रप्रयाग पहुंचे।

रुद्रप्रयाग जिले का बर्सू गांव मेरी किताब के मुख पृष्ठ पर है, इस यात्रा में बी मोहन नेगी के साथ बर्सू गांव तक जाना तय हुआ। बर्सू गांव रुद्रप्रयाग टाउन से करीब साढ़े तीन किमी ऊपर चीड़ के जंगलों को पार करते ही आता अपेक्षाकृत इस समतल गांव में कभी 80 परिवार रहते थे। 2009 तक इस गांव में एक परिवार और कुछ नेपाली रहते थे, लेकिन अब यह गांव पूरी तरह से खाली हो चुका था। जब हम गांव में पहुंचे तो वहां नागराज विचरण कर रहे थे। नेगीजी की पारखी नजरों ने इस गांव में घरों के चैखटों तथा तिबारियों पर नक्कासी से उकेरे गए कलाकृतियों को देखा।

वह अपने कैमरे में उनकी फोटो तथा वीडियो बनाने लगे। उन्होंने लकड़ी में उकेरे गए भित्ति चित्रों की बहुत सारी वीडियो बनाई, इस दौरान उन्हें एक बड़े से घर की खोली पर उकेरा गया गणेश का चित्र भी मिल गया, सबसे अधिक वीडियो उन्होंने इसी के बनाए। इतना ही नहीं उन्हें एक खोली में उन्हें गणेश जगह हल जोतते हुए किसान की कलाकृति देगी। उसका भी उन्होंने वीडियो बनाया। यह मकान गांव के किनारे की तरफ था।
\
उन्होंने बताया कि वह दौर शायद छुआ-छूत मानने वाला था। तब अनुसूचित जाति के लोगों की खोली पर गणेश के चित्र उकेरे जाने की मनाही थी। खोली पर गणेश की जगह किसान चित्र इसीलिए उकेरा गया होगा। उन्होंने वापसी पर विस्तार से बताया कि किस तरह उत्तराखंडी मांगल गीतों में खोली के गणेश की अराधना की जाती प्रसिद्ध उत्तराखंडी मांगल गीत ‘‘दैणा होया खोली का गणेशा….’’ इसका सबसे सटीक उदाहरण उसके बाद हम गैरसैंण की तरह चल दिए। उस दिन का विश्राम हमें गैरसैंण में ही करना था। बी मोहन नेगी के साथ उत्तराखंड की संस्कृति पर बहुत अधिक चर्चा होती रही। यात्रा में चलते हुए भी और होटल में रात्रि विश्राम करते हुए भी। हालांकि इन चर्चाओं में हुई बहुत सारी बातें अब याद नहीं आ रही हैं। बहुत सारी यादें धूमिल हो गई हैं।

अगले दिन हम रानीखेत होते हुए अल्मोड़ा पहुंचे। उस दिन का रात्रि विश्राम अल्मोड़ा में ही होना था। अल्मोड़ा वन विभाग के विश्राम गृह में हम लोग रुके। बी मोहन नेगीजी के साथ यह सफर दो दिन, दो रात्रि का ही था। लेकिन उत्तराखंड की संस्कृति से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर जो चर्चाएं उनसे इन दिनों में होती रही, वह मेरे लिए काफी ज्ञानवर्धक थी। अगले दिन सुबह उन्हें कर्णप्रयाग होते हुए पौड़ी वापस जाना था।

अपने वाहन से उन्हें सुबह बस अड्डा छोड़ आया। हम तो वापस गेस्ट हाउस आ गए, लेकिन उसके बाद उन्होंने अपने साथ अल्मोड़ा बस अड्डे पर हुई घटना के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि श्रीनगर की तरफ जाने वाली बस माल रोड बस अड्डे पर थोड़ा आगे की तरफ अगले मोड़ पर खड़ी थी। लेकिन एक टैक्सी चालक ने उन्हें बताया कि बस जा चुकी टैक्सी चालक ने उन्हें ग्वालदाम तक ही छोड़ा, वहां से टैक्सी बदलते-बदलते वे श्रीनगर पहुंच पाए। जिसमें काफी वक्त भी लगा और दिक्कत भी हुई। इस बात को लेकर वह काफी आहत और आश्चर्यचकित थे कि उत्तराखंड में भी लोग अब ठगी पर उतर आए हैं। सवारी को सही जानकारी देने के बजाय अपने थोड़े से स्वार्थ के लिए मिसगाइड करते हैं। फिर सवारी को रास्ते में ही छोड़ देते हैं। उन्होंने पौड़ी वापस पहुंचने के बाद अपने साथ घटी इस घटना के बारे में बताया और उसके बाद जब भी उनसे मुलाकात हुई, वे बार-बार इस घटना का उल्लेख करते हुए आश्चर्य जताते रहे। इस घटना ने उनके मर्म को गहरी चोट पहुंचाई थी।

वास्तव में बी मोहन नेगी एक सच्चे इंसान थे, किसी भी पहाड़ी व्यक्ति की तरह। अपने स्वार्थ के लिए इस तरह के लिए ठग लोगों से पाला पड़ा तो उनका आहत होना स्वाभाविक था। उन्हें आश्चर्य इस बात को लेकर हुआ कि अब पहाड़ में भी लोगों को सही रास्ता बताने में लोग कतराने लगे हैं, जबकि पहाड़ में सही रास्ता बताने का पुण्य माना जाता एक सच्चे, नेकदिन इंसान के लिए पहाड़ में ऐसे लोगों का होना किसी अजूबे से कम नहीं था। लेकिन अपनी सच्चाई में मगन नेगीजी को शायद यह पता नहीं था कि पहाड़ में भी अब सच्चे लोग लगातार कम होते जा रहे हैं। दूसरों को ठग कर स्वार्थ सिद्धि करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही

ShareSendTweet
Previous Post

उत्तराखंड बिकने को तैयार है, बस खरीददार चाहिए!

Next Post

उत्तराखंड में यहां टीचर का हुआ ट्रांसफर फिर नाराज बच्चों ने छोड़ दिया स्कूल जाना

Related Posts

उत्तराखंड

कोरोना कोरियर से कैसे बचाएंगे उत्तराखंड को?

May 10, 2020
130
संपादकीय

अब होता है योगी, आजम, मेनका, माया का समय शुरूः निर्वाचन आयोग

April 16, 2019
130
संपादकीय

गोशाला स्थापना के लिए आठ एकड़ भूमि देने का प्रस्ताव

March 18, 2019
137
उत्तराखंड

आय से अधिक संपत्ति कानून के घेरे में आया श्वेताभ सुमन, दूसरे धनपिपाशु भी आएंगे घेरे में?

February 14, 2019
257
उत्तराखंड

इक्कीसवीं सदी में सड़क पर प्रसूति और बच्चे की मौत का भी कोई असर नहीं होता सरकार पर

December 8, 2018
118
उत्तराखंड

भाजपा सरकार को भी गिरा सकते हैं हरक सिंह रावत!

December 6, 2018
166

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Popular Stories

  • चार जिलों के जिलाधिकारी बदले गए

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • डोईवाला : पुलिस,पीएसी व आईआरबी के जवानों का आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण सम्पन्न

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • ऑपरेशन कामधेनु को सफल बनाये हेतु जनपद के अन्य विभागों से मांगा गया सहयोग

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  •  ढहते घर, गिरती दीवारें, दिलों में खौफ… जोशीमठ ही नहीं

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • विकासखंड देवाल क्षेत्र की होनहार छात्रा ज्योति बिष्ट ने किया उत्तराखंड का नाम रोशन

    0 shares
    Share 0 Tweet 0

Stay Connected

संपादक- शंकर सिंह भाटिया

पता- ग्राम एवं पोस्ट आफिस- नागल ज्वालापुर, डोईवाला, जनपद-देहरादून, पिन-248140

फ़ोन- 9837887384

ईमेल- shankar.bhatia25@gmail.com

 

Uttarakhand Samachar

उत्तराखंड समाचार डाॅट काम वेबसाइड 2015 से खासकर हिमालय क्षेत्र के समाचारों, सरोकारों को समर्पित एक समाचार पोर्टल है। इस पोर्टल के माध्यम से हम मध्य हिमालय क्षेत्र के गांवों, गाड़, गधेरों, शहरों, कस्बों और पर्यावरण की खबरों पर फोकस करते हैं। हमारी कोशिश है कि आपको इस वंचित क्षेत्र की छिपी हुई सूचनाएं पहुंचा सकें।
संपादक

Browse by Category

  • Bitcoin News
  • अल्मोड़ा
  • अवर्गीकृत
  • उत्तरकाशी
  • उत्तराखंड
  • उधमसिंह नगर
  • क्राइम
  • खेल
  • चमोली
  • चम्पावत
  • जॉब
  • टिहरी
  • दुनिया
  • देहरादून
  • नैनीताल
  • पर्यटन
  • पिथौरागढ़
  • पौड़ी गढ़वाल
  • बागेश्वर
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • राजनीति
  • रुद्रप्रयाग
  • वीडियो
  • संपादकीय
  • संस्कृति
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हरिद्वार
  • हेल्थ

Recent News

जंगली जानवरों के कारण खेती पर संकट बढ़ रहा है जानवरों से खेती बचाने के लिए ठोस कदम उठाने की

September 21, 2023

नंदकेशरी राजमार्ग पर पड़े गढ्ढों को भरे जाने को लेकर ट्रक चालकों ने किया मार्ग जाम

September 21, 2023
  • About Us
  • Privacy Policy
  • Cookie Policy
  • Terms & Conditions
  • Refund Policy
  • Disclaimer
  • DMCA
  • Contact

© 2015-21 Uttarakhand Samachar - All Rights Reserved.

No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल

© 2015-21 Uttarakhand Samachar - All Rights Reserved.