जौनपुर क्षेत्र में गुरुवार को एक दरिंदे ने अपने ही गांव की नौ वर्ष की मासूम को घर में अकेला देखकर उसके साथ दुष्कर्म कर समाज को शर्मसार कर दिया था। जिससे इस घटना से क्षेत्र में तनाव की स्थिति पैदा हो गई थी। नौ साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना सामने आने के बाद लोगों ने आरोपी को फांसी की सजा देने की मांग उठाई है।
समाज के लोगों ने अनुसूचित जाति पर बढ़ रहे अत्याचार के खिलाफ कड़ी नाराजगी जताई। पीड़ित बच्ची की मां की तहरीर पर पुलिस ने पोक्सो सहित विभिन्न धाराओं मे मुकदमा दर्ज कर आरोपी युवक दो बच्चों के पिता को गुरुवार को ही गिरफ्तार कर लिया था। उसे आज विशेष न्यायाधीश (पोक्सो) कुमकुम रानी की अदालत में पेश किया गया। अदालत ने आरोपी को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।
ये है पूरा मामला-
जौनपुर ब्लॉक एक गांव में एक दुकानदार ने नौ साल की दलित लड़की को हवस का शिकार बना डाला। मासूम को घायल अवस्था में दून रेफर किया गया। पुलिस ने आरोपी दुकानदार को कैम्पटी के पास से गिरफ्तार कर लिया था।
पुलिस के मुताबिक, दुराचार की शिकार जौनपुर ब्लॉक के एक गांव की यह बच्ची गुरुवार सुबह 11 बजे दुकान पर आइसक्रीम लेने गई थी। आरोप है कि दुकानदार विपिन पंवार (32 वर्ष) उसे अपने कमरे में ले गया और दुष्कर्म किया। बाद में रोते-बिलखते घर पहुंची बच्ची ने मां को आपबीती सुनाई। बच्ची की हालत बिगड़ने पर परिजन उसे नैनबाग अस्पताल ले गए। यहां डॉक्टर ने उसे दून रेफर कर दिया। बच्ची के पिता ने कैम्पटी थाने में आरोपी विपिन पंवार के खिलाफ पोक्सो, एससी-एसटी ऐक्ट के तहत केस दर्ज करवा दिया।
समाज को शर्मसार कर देने वाली इस घटना के बाद नैनबाग से लेकर देहरादून तक लोगों में गम और गुस्से का आलम है। बच्ची के साथ दरिंदगी के बाद से मां और बच्ची दोनों बिल्कुल खामोश हैं। उनकी आंखों में नमी और दिल में गुस्से का गुबार भरा है। बच्ची के पिता गांव में ही छोटी खेतीबाड़ी करते हैं।
पांचवीं कक्षा में पढ़ने वाली मासूम बच्ची से दुष्कर्म की घटना से हर कोई आक्रोशित है। दून महिला अस्पताल में जुटी भीड़ को देखकर यहां आने वाले अन्य मरीजों के तीमारदार रूक जाते। हर किसी की जबान से बस यहीं लफ्ज निकलते कि ऐसे दरिंदे को फांसी से कम सजा नहीं होनी चाहिये। लोगों में घटना को लेकर भारी रोष देखा गया। बच्ची के परिजनों को मुआवजा भी दिया जाए।
बच्ची से लोगों के बात करने पर दरोगा को डांटा
शुक्रवार सुबह करीब 11:30 बजे कुछ लोग बच्ची के मेडिकल परीक्षण के बाद बच्ची और उसकी मां से बात करने लगे। उनकी वीडियो भी बनाने लगे। जिस पर वहां पहुंचे एक पुलिस अधिकारी ने वहां खड़े एक दारोगा को डांटा। कहा कि तुम्हे दिख नहीं रहा है क्या। तब उसी समय अस्पताल पहुंचीं महिला अधिकारी ने दोनों को अपने साथ ले जाकर लेबर रूम में बैठाया।