• About Us
  • Privacy Policy
  • Cookie Policy
  • Terms & Conditions
  • Refund Policy
  • Disclaimer
  • DMCA
  • Contact
Uttarakhand Samachar
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल
No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल
No Result
View All Result
Uttarakhand Samachar
No Result
View All Result

उत्तराखंड प्रथम स्वतंता संग्राम सेनानी कालू सिंह महर

14/08/20
in उत्तराखंड, राजनीति
Reading Time: 1min read
0
SHARES
770
VIEWS
Share on FacebookShare on WhatsAppShare on Twitter

डॉ० हरीश चन्द्र अन्डोला
जब भी उत्तराखंड की बात करते है तो हमारे जहन में देवीएदेवता की भूमि ऋषी मुनियो साधु सनाशियो की धरती का जीकर आता। परन्तु हमारा ये सूंदर और सांत दिखने वाला उत्तराखंड की धरती को शूरवीरो और देश भक्तो की जननी भी कहा जाता है देश की आजादी की पहली लड़ाई में काली कुमाऊं की अहम भूमिका रही है। यहां से अंग्रेजी हुकुमत के खिलाफ उठा विरोध का स्वर भले ही अंजाम तक न पहुंचा हो, लेकिन ब्रिटिश हुकूमत की चूलें हिलाने देने वाले इस विद्रोह ने पूरी क्रांति नया रंग दे दिया और इसी क्रांति के चलते काली कुमाऊं के महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने अपनी जान देश के लिए न्यौछावर कर दी। काली कुमाऊं में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ बगावत का झंडा कालू सिंह महर ने बुलंद किया।
उन्होंने पहले स्वतंत्रता संग्राम में काली कुमाऊं के लोगों की मंशा को भी विद्रोह के जरिए जाहिर करावा दिया। हालांकि इसकी कुर्बानी उन्हे स्वयं तो चुकानी ही पड़ी साथ ही उनके दो विश्वस्त मित्र आनंद सिंह फत्र्याल व विशन सिंह करायत को अंग्रेजों ने लोहाघाट के चांदमारी में गोली से उड़वा दिया। आजादी की पहली लड़ाई में काली कुमाऊं में हुआ गदर आज भी इतिहास के पन्नों में दर्ज है।
यहां कालू सिंह महर के नेतृत्व में अंग्रेजों के खिलाफ हुई बगावत ने ब्रिटिश हुकूमत की चूलें हिला कर रख दी थी। सिर्फ कालू महर ही नहीं बल्कि आनंद सिंह फत्र्याल और बिशन सिंह करायत ने भी अपने प्राणों की आहुति दी। कालू सिंह महर का जन्म लोहाघाट के नजदीकी गांव थुआमहरा में 1831 में हुआ। कालू सिंह महर ने अपने युवा अवस्था में ही अंग्रेजों के खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद किया। इसके पीछे मुख्य कारण रूहेला के नबाव खानबहादुर खान, टिहरी नरेश और अवध नरेश द्वारा अंग्रेजों के खिलाफ बगावत के लिए पूर्ण सहयोग सशर्त देने का वायदा था। इसके बाद कालू माहर ने चौड़ापित्ता के बोरा, रैघों के बैडवाल, रौलमेल के लडवाल, चकोट के क्वाल, धौनी, मौनी, करायत, देव, बोरा, फत्र्याल आदि लोगों के साथ बगावत शुरू कर दी और इसकी जिम्मेदारी सेनापति के रूप में कालू माहर को दे दी गई।
पहला आक्रमण लोहाघाट के चांदमारी में स्थिति अंग्रेजों की बैरेंकों पर किया गया। आक्रमण से हताहत अंग्रेज वहां से भाग खड़े हुए और आजादी के दिवानों ने बैरोंकों को आग के हवाले कर दिया। पहली सफलता के बाद नैनीताल और अल्मोड़ा से आगे बढ़ रही अंग्रेज सैनिकों को रोकने के लिए पूरे काली कुमाऊं में जंग.ए.आजादी का अभियान शुरू हुआ। इसके लिए पूर्व निर्धारित शर्तो के अनुरूप पूरे अभियान को तीनों नवाबों द्वारा सहयोग दिया जा रहा था। आजादी की सेना बस्तिया की ओर बढ़ी, लेकिन अमोड़ी के नजदीक क्वैराला नदी के तट पर बसे किरमौली गांव में गुप्त छुपाए गए धन, अस्त्र.शस्त्र को स्थानीय लोगों की मुखबिरी पर अंग्रेजों ने अपने कब्जे में ले लिया और काली कुमाऊं से शुरू हुआ आजादी का यह अभियान बस्तिया में टूट गया।
परिणाम यह हुआ कि कालू माहर को जेल में डाल दिया गया, जबकि उनके नजदीकी सहयोगी आनंद सिंह फत्र्याल एवं बिशन सिंह करायत को लोहाघाट के चांदमारी में अंग्रेजों ने गोली से उड़ा दिया। अंग्रेजों का कहर इसके बाद भी खत्म नहीं हुआ और अस्सी साल बाद 1937 तक काली कुमाऊं से एक भी व्यक्ति की नियुक्त सेना में नहीं की गई। इतना ही नहीं अंग्रेजों ने यहां के तमाम विकास कार्य रुकवा दिए और कालू माहर के घर पर धावा बोलकर उसे आग के हवाले कर दिया। कालू महर को उत्तराखंड का पहला स्वतंत्रता सेनानी होने का गौरव हासिल है। उन्होंने सैन्य संगठन करके अंग्रेजों के खिलाफ व्यापक आंदोलन चलाया था। प्रदेश से हर वर्ष हज़ारों युवा भारतीय सेना में खुशी.खुशी देश सेवा के लिए भर्ती होते हैं। आज उत्तराखंड के जाबाज़ देश की हर पलटन में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इससे गौरव की बात और क्या होगी की आज देश के अहम् पदों पर उत्तराखंड के वीर नियुक्त हैं।

ShareSendTweet
http://uttarakhandsamachar.com/wp-content/uploads/2025/08/Video-1-Naye-Sapne-1.mp4
Previous Post

आजीविका को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल अभियान शुरू

Next Post

मुख्यमंत्री ने दी प्रदेशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामना

Related Posts

उत्तराखंड

थराली में युद्धस्तर पर जारी राहत एवं बचाव अभियान

August 23, 2025
8
उत्तराखंड

उत्तराखंड की सांस्कृतिक पहचान है पारंपरिक व्यंजन

August 23, 2025
9
उत्तराखंड

उत्तराखंड में आपदा की दृष्टि से संवेदनशील

August 23, 2025
7
उत्तराखंड

कुरूड़ से चली बधाण की नंदादेवी की लोकजात यात्रा बधाण पट्टी सूना गांव से आठवें पड़ाव थराली गांव, थराली बाजार पहुंची

August 23, 2025
7
उत्तराखंड

चेपड़ो में घायल 6 ग्रामीणों को हेलीकॉप्टर से एम्स ऋषिकेश भेजा गया

August 23, 2025
5
उत्तराखंड

जमीन से उपजे लोक संस्कृतिकर्मी थे जुगल किशोर पेटशाली – चन्द्रशेखर तिवारी

August 23, 2025
10

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

http://uttarakhandsamachar.com/wp-content/uploads/2025/08/Video-1-Naye-Sapne-1.mp4

Popular Stories

  • चार जिलों के जिलाधिकारी बदले गए

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • डोईवाला : पुलिस,पीएसी व आईआरबी के जवानों का आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण सम्पन्न

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • ऑपरेशन कामधेनु को सफल बनाये हेतु जनपद के अन्य विभागों से मांगा गया सहयोग

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  •  ढहते घर, गिरती दीवारें, दिलों में खौफ… जोशीमठ ही नहीं

    0 shares
    Share 0 Tweet 0
  • विकासखंड देवाल क्षेत्र की होनहार छात्रा ज्योति बिष्ट ने किया उत्तराखंड का नाम रोशन

    0 shares
    Share 0 Tweet 0

Stay Connected

संपादक- शंकर सिंह भाटिया

पता- ग्राम एवं पोस्ट आफिस- नागल ज्वालापुर, डोईवाला, जनपद-देहरादून, पिन-248140

फ़ोन- 9837887384

ईमेल- shankar.bhatia25@gmail.com

 

Uttarakhand Samachar

उत्तराखंड समाचार डाॅट काम वेबसाइड 2015 से खासकर हिमालय क्षेत्र के समाचारों, सरोकारों को समर्पित एक समाचार पोर्टल है। इस पोर्टल के माध्यम से हम मध्य हिमालय क्षेत्र के गांवों, गाड़, गधेरों, शहरों, कस्बों और पर्यावरण की खबरों पर फोकस करते हैं। हमारी कोशिश है कि आपको इस वंचित क्षेत्र की छिपी हुई सूचनाएं पहुंचा सकें।
संपादक

Browse by Category

  • Bitcoin News
  • Education
  • अल्मोड़ा
  • अवर्गीकृत
  • उत्तरकाशी
  • उत्तराखंड
  • उधमसिंह नगर
  • ऋषिकेश
  • कालसी
  • केदारनाथ
  • कोटद्वार
  • क्राइम
  • खेल
  • चकराता
  • चमोली
  • चम्पावत
  • जॉब
  • जोशीमठ
  • जौनसार
  • टिहरी
  • डोईवाला
  • दुनिया
  • देहरादून
  • नैनीताल
  • पर्यटन
  • पिथौरागढ़
  • पौड़ी गढ़वाल
  • बद्रीनाथ
  • बागेश्वर
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • राजनीति
  • रुद्रप्रयाग
  • रुद्रप्रयाग
  • विकासनगर
  • वीडियो
  • संपादकीय
  • संस्कृति
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • साहिया
  • हरिद्वार
  • हेल्थ

Recent News

थराली में युद्धस्तर पर जारी राहत एवं बचाव अभियान

August 23, 2025

उत्तराखंड की सांस्कृतिक पहचान है पारंपरिक व्यंजन

August 23, 2025
  • About Us
  • Privacy Policy
  • Cookie Policy
  • Terms & Conditions
  • Refund Policy
  • Disclaimer
  • DMCA
  • Contact

© 2015-21 Uttarakhand Samachar - All Rights Reserved.

No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल

© 2015-21 Uttarakhand Samachar - All Rights Reserved.