प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। देश की सबसे बड़ी विद्युत उत्पादक कंपनी एनटीपीसी ने अपने स्थापना दिवस की पूर्व संध्या के अवसर पर राष्ट्र निर्माण और देश को निरंतर विद्युत प्रदान करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया। 7 नवंबर, 1975 को अपनी उद्देश्यपूर्ण यात्रा शुरू करने वाली कंपनी एनटीपीसी ने देश के कोने-कोने को प्रकाशमान करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। अब एनटीपीसी अपार अवसरों के साथ देश में विद्युत क्षेत्र में विकास और परिवर्तन के अगले चरण को पूरा करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं को प्रभावित करने वाली महामारी कोविड.19 के कारण उपजे हालात को देखते हुए एनटीपीसी ने अपने स्थापना दिवस से संबंधित कार्यक्रम दो गज की दूरी और ऑनलाइन प्लेटफॉर्मस के माध्यम से मनाने का निर्णय किया है। इस बार का स्थापना दिवस इसलिए भी खास बन जाता है, क्योंकि एनटीपीसी के समस्त कर्मचारियों ने राष्ट्र को निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए इस साल की शुरुआत में लॉकडाउन चरण के दौरान चैबीसों घंटे काम किया। जैसा कि हम सब जानते हैंए विद्युत हमारे जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा है और लॉकडाउन के दौरान 24ग7 विद्युत उपलब्ध कराने से न सिर्फ आपातकालीन सेवाओं का संचालन सुगमतापूर्वक हो सकाए बल्कि जीवन रक्षक उपकरणों के सुचारू संचालन में भी अत्यंत महत्वपूर्ण सहायता मिली। इससे एनटीपीसी पर अतिरिक्त जिम्मेदारी आ गई और कंपनी ने मांग से भी अधिक विद्युत का वितरण किया। हर कोई चिकित्सा पेशेवरों और आवश्यक सेवा प्रदाताओं सहित फ्रंट.लाइन कोरोना योद्धाओं की सराहना कर रहा हैए लेकिन महामारी ने विद्युत इंजीनियरों को भी नए नायकों के रूप में प्रतिष्ठित किया है।
देश में विद्युत क्षेत्र में एनटीपीसी ने पिछले 45 वर्षों से ध्वजवाहक की भूमिका निभाई है। वर्तमान में 62 गीगावाॅट की अपनी विद्युत उत्पादन क्षमता के साथ एनटीपीसी की योजना वर्ष 2032 तक अपनी क्षमता को 130 गीगावाॅट तक पहुंचाने की है। नवीकरण ऊर्जा की दिशा में वैश्विक रुझान के अनुरूप, जो ऊर्जा का एक स्वच्छ स्रोत है, एनटीपीसी की योजना है कि नवीकरण ऊर्जा की अपनी क्षमता को 32,000 मेगावाॅट तक पहुंचाया जा सके या अगले दशक की शुरुआत में अपने कुल विद्युत पोर्टफोलियो का 25 प्रतिशत हिस्सा नवीकरण ऊर्जा से हासिल किया जा सके। वर्तमान में एनटीपीसी के पास 2,404 मेगावाॅट की नवीकरण ऊर्जा संबंधी परियोजनाएँ हैं, जिनमें से 237 मेगावाॅट एनटीपीसी के मौजूदा स्टेशनों पर बने जलाशयों में फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट्स से आती है। नाॅन.पीपीए मोड के तहत स्थापित किया जा रहा रामागुंडम 100 मेगावाॅट फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट देश में सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है।
निरंतर विद्युत उत्पादन और पर्यावरण की सुरक्षा के प्रति एनटीपीसी की प्रतिबद्धता का एक हिस्सा है नवीनीकरण की दिशा में क्रमिक बदलाव। इसी समयए एनटीपीसी वर्तमान में एफजीडी उपकरणों को स्थापित करने के लिए भारी निवेश कर रहा है। कंपनी ने हानिकारक उत्सर्जन में कटौती करने के मकसद के साथ अपने विभिन्न कोयला आधारित बिजली संयंत्रों में 60 मेगावाॅट से अधिक क्षमता मंे एफजीडी उपकरण जोड़े हैं।
पर्यावरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के रूप में एनटीपीसी ने इस क्षेत्र में अनेक नए कदम उठाए हैं। फसलों के अवशेषों को जलाने की प्रवृत्ति को हतोत्साहित करने के लिए एनटीपीसी विद्युत उत्पादन के लिए कृषि अवशेषों का उपयोग करने की दिशा में भी काम कर रहा है। एनटीपीसी ने बायलर में कोयले के साथ.साथ बायोमास छर्रों की को.फायरिंग का बीड़ा भी उठाया है।
एनटीपीसी के विद्युत संयंत्रों ने पानी की खपत के मामले में भी नए मानदंड स्थापित किए हैं। अनुपालना संबंधी नियमों से भी आगे जाकर एनटीपीसी ने अपने संयंत्रों में जीरो लिक्विड डिस्चार्ज सिस्टम और रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लागू किया है। एनटीपीसी का एक अन्य महत्वपूर्ण कदम फ्लाई ऐश का 100 प्रतिशत उपयोग करने से संबंधित प्रयासों से जुड़ा है।
एनटीपीसी विभिन्न लर्निंग एंड डेवलपमेंट ;एलएंडडीद्ध पहलों को अपनाने का भी निरंतर प्रयास करता रहा हैए ताकि अपने कर्मचारियों की बेहतरी के लिए कदम उठाए जा सकें। कोविड.19 महामारी के दौरान ने देश के सबसे बड़े विद्युत उत्पादक ने सीखने के नए तौर.तरीकों को अपने कर्मचारियों और उनके परिवारों तक पहुंचाने के लिए डिजिटल वेबिनार और ऑनलाइन पाठ्यक्रम का सहारा लिया। एनटीपीसी ने कर्मचारी कल्याण के लिए आर्ट ऑफ लिविंग, ईशा फाउंडेशन और इस तरह के अन्य कई संगठनों के साथ भी साझेदारी की है।
एनटीपीसी ने कोयला, गैस, हाइड्रो, सौर और पवन ऊर्जा के क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज की है और कंपनी ने बायोमास, वेस्ट.टू.एनर्जी, मोबिलिटी में भी उद्यम किया है और अब कंपनी ने कैप्टिव इंडस्ट्री की तलाश शुरू कर दी है। राष्ट्रीय विकास की प्राथमिकताओं और वैश्विक परिवर्तन के संदर्भ में एनटीपीसी ने अपनी विकास यात्रा को जारी रखने का संकल्प दोहराया है।