हरेंद्र बिष्ट की रिपोर्ट।
थराली।
कक्षाएं 5 छात्र, छात्राएं 68 और शिक्षक मात्र 1 और वें भी अतिथि शिक्षक सुन कर शायद में सभी को अजीब लग रहा होगा किन्तु यह गलत नही है, बल्की यह हकीकत है। बात की जा रही हैं चमोली जिले के अंतिम ब्लाकों में सुमार देवाल के अंतर्गत सुदूरवर्ती एवं अंतिम गांवों में सुमार बलांण गांव की।
विकास खंड मुख्यालय देवाल से करीब 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बलांण गांव में 2011राजकीय जूनियर हाईस्कूल का उच्चीकरण कर उसे राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बनाया गया। ग्रामीणों का आरोप है कि स्थापना के बाद से आजतक इस विद्यालय में कभी भी 3 से अधिक शिक्षक तैनात नही किए गए। वर्तमान में यहां पर मात्र एक ही शिक्षक तैनात हैं और वों भी अतिथि शिक्षक स्थिति यें बनी हुई हैं कि गेस्ट टीचर ही प्रधानाचार्य हैं, उन्हीं के कंधों पर जबकि कक्षा 6 से 10 तक 68 छात्र, छात्राएं अध्यापन की जिम्मेदारी हैं। ऐसी स्थिति में गेस्ट टीचर कैसे विद्यालय का संचालन कर रहे होंगे अनुमान लगाया जा सकता हैं। कमोवेश पिंडर घाटी के देवाल, थराली एवं नारायणबगड़ विकास खंडों के अधिकांश सुदूरवर्ती गांव में खोलें गए राजकीय प्राथमिक विद्यालय, राजकीय जूनियर हाईस्कूल, हाईस्कूल एवं इंटर कालेजों में लंबे समय से शिक्षकों की कमी के चलते शैक्षणिक व्यवस्था चरमरा कर रह गई हैं। शिक्षकों की कमी का सीधा असर बढ़ते पलायन एवं सरकारी स्कूलों में छात्र-छात्राओं की घटती संख्या पर पड़ रहा है।
—-
राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बलाण में मात्र एक अतिथि शिक्षक के भरोसे 68 छात्र, छात्राओं को छोड़ देना वास्तव में इन छात्र छात्राओं के भविष्य के साथ खुला खिलवाड़ हैं।इस संबंध में चमोली के मुख्य शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन भेज कर जल्द शिक्षकों की तैनाती की मांग की गई हैं।
उर्मिला बिष्ट सदस्य जिला पंचायत हाटकल्याणी वार्ड।
——–
जब से बलाण में हाईस्कूल खोला गया हैं तब से आज तक कभी भी स्वीकृतियों के विरुद्ध पूरे शिक्षकों की तैनाती नही हो पाई हैं। कुछ माह पूर्व तक यहां पर दो नियमित एवं एक अतिथि शिक्षक तैनात थें। किंतु सरकार के द्वारा अंर्तमंडलीय हस्तांतरण के चलते दोनों शिक्षकों का कुमाऊं मंडल में स्थानांतरण हो गया हैं। जिसके बाद अब यहां पर मात्र एक ही अतिथि शिक्षक कार्यरत रह गये हैं। इस संबंध में शिक्षा निदेशालय को ग्रामीण ने पत्र भेज कर चेतावनी दी हैं कि 15 सितंबर तक शिक्षकों की तैनाती नही होने की स्थिति में ग्रामीण अपने पाल्यों के साथ आंदोलन शुरू कर देंगे।