गैरसैंण। ग्रीष्मकालीन राजधानी क्षेत्र के सुनियोजित समयबद्ध विकास और सुशासन के लिए आगामी राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर गैरसेैंण को जिला एवं कर्णप्रयाग को कमीश्नरी घोषित करने की मांग को ले कर उत्तराखंड निर्माण के प्रखर आंदोलनकारी एडवोकेट भूवन नौटियाल ने सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को पत्र प्रेषित कर कहा है कि उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों के सपनों के अनुरूप गैरसैंण का ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित होना राज्य की स्थायी राजधानी की ओर राज्य सरकार का बढ़ता हुआ कदम है।
राजधानी क्षेत्र के विकास ढांचागत रूप् से करने की घोषण हो चुकी है कोरोना संक्रमण के चलते कार्यों के संपादन मे विराम अवश्य लगा है लेकिन ग्रीष्म काल के शेष अंतराल में संभवतया मुख्य मंत्री , मुख्य सचिव आदि के कैंप आॅफिस भी कार्यरत रहेंगे जिस कारण गैरसैंण जनपद का श्रृजन अपरिहार्य हो गया है। जनपद गैरसैंणके श्रृजन सुविधाजनक ढंग से जनपद चमोली , पौड़ी व अल्मोडा़ के जो क्षेत्र शामिल होने चाहिए उन्हें शामिल कर गैरसैंण जिला बनाया जाय ताकि राजधानी, जनपद और राजधानी क्षेत्र की कानून व्यवस्था एवं विकास सुव्यवस्थित हो सके और ग्रीष्म कालीन राजधानी की महायोजना पर शीघ्र प्रारंभ हो।
गैरसैंण जनपद जनपद मुख्यालय के डाॅ शिवानंद नौटियाल नगर की सरकारी भूमि पर विचार किया जा सकता है। जिसमें एक ही छत के नीचे जिलाधिकारी सभी जिला स्तरीय विभाग के कार्यालय जिला विकास भवन पर संचालित हो सकते हैं। जिसमें आम जनता को सुविधा होगी।
कणर््ाप्रयाग कमीश्नरी- ग्रीष्म कालीन राजधानी की दृष्टि से मंडलीय अधिकारियों के कार्यलय भी ग्रीष्म कालीन राजधानी क्षेत्र से बाहर होने के कारण अनुक प्रकार की असुविधा होगी ऐसे में कर्णप्रयाग कमीश्नरी के गठन करने पर विचार सामयिक होगा।इसमें गैरसैंण ,चमोली, रूद्रप्रयाग जिले शामिल किये जांय। कर्णप्रयाग में वारमैमोरियल वीसी दरवान सिंह नेगी राइका से सांकरी, पाडुली तक मोटर मार्ग स्वीकृत है जो ग्राम पलेठी से बजवाड़धार तोक हो कर जायेगा। बजवाड़धार में मंडल विकास भवन बनाकर एक ही छत के नीचे सभी विभागों की स्थापना की जाय।
कर्णप्रयाग में कमीश्नरी स्थापित होने से बद्रीनाथ कोदारनाथ,हेमकुंड, नंदादेवी राजजात यात्रा, रिषिकेश- कर्णप्रयाग -बद्रीनाथ, रिषिकेश -रूद्रप्रयाग -केदारनाथ, कर्णप्रयाग -बागेश्वर -टनकपुर, कर्णप्रयाग-गैरसैंण-रामनगर रेलवे लाईन के संचालन व निर्माण के साथ साथ गौचर हवाई अड्डा, नई हवाई पट्टियों के निर्माण में भी तेजी आने के अवसर मिलेंगे। सामरिक दृष्टि से भी यह प्रदेश की सीमांत कमीश्नरी होगी।