उत्तराखंड के बागेश्वर में बास्ती में 29 नवंबर को बारात को परोसे गए रायते और पानी में ई कोलाई, शिगेला बैक्टीरिया की मौजूदगी के चलते चार ग्रामीणों की मौत और 300 से अधिक बीमार हुए थे। प्रशासन और तीन विभागों की संयुक्त जांच रिपोर्ट में इसकी पुष्टि हुई है। अपर जिलाधिकारी राहुल गोयल ने बताया कि जल संस्थान की जांच रिपोर्ट में यह साफ कर दिया गया है कि बास्ती में बारातियों को दिए गए पानी में ई कोलाई व शिगेला बैक्टीरिया मौजूद था। पानी में कोलीफार्म की मात्रा न्यून थी और क्लोरीन की मात्रा नगण्य।
इधर, खाद्य रिपोर्ट में रायते का दूषित होना पाया गया है। रायते में स्थानीय खेतों में उगने वाले पीले फूल की पंखुड़िया मिली हैं, जो खतरनाक होता है। साथ ही पानी में भी बैक्टीरिया की पुष्टि खाद्य सुरक्षा विभाग ने की है। पानी के बर्तन की तलहटी में गंदगी तथा मरे हुए कीड़ों का होना भी पाया है। स्वास्थ्य विभाग की स्टूल टेस्ट रिपोर्ट में भी ई कोलाइ व शिगेला बैक्टीरिया होने की पुष्टि हुई है।
ई-कोलाई इशचेरिचिया कोलाई का संक्षिप्त रूप है। जिला अस्पताल के डॉ. एलएस बृजवाल ने बताया कि यह एक तरह का बैक्टीरिया है जो मनुष्यों और पशुओं के पेट में रहता है। इस बैक्टीरिया के ज्यादातर रूप हानिरहित हैं लेकिन कुछ ऐसे हैं जो पेट में मरोड़ और दस्त जैसे लक्षण पैदा करते हैं। कई बार इनकी वजह से लोगों का गुर्दा काम करना बंद कर देता है और संक्रमित व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है।
कपकोट अस्पताल के डॉ बीएस रावत ने बताया कि शिगेला रॉड के आकार के बैक्टीरिया का एक जीन है जो आनुवांशिक रूप से ई-कोलाई से संबंधित है। शिगेला शरीर में बीमारी का कारण बनता है। यह केवल प्राकृतिक रूप से मनुष्यों और गोरिल्ला में पाया जाता है। संक्रमण के दौरान यह आमतौर पर पेचिश का कारण बनता है। शिगेला दुनिया भर में दस्त के प्रमुख जीवाणु कारणों में से एक है।