• About Us
  • Privacy Policy
  • Cookie Policy
  • Terms & Conditions
  • Refund Policy
  • Disclaimer
  • DMCA
  • Contact
Uttarakhand Samachar
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल
No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल
No Result
View All Result
Uttarakhand Samachar
No Result
View All Result

थिंक ग्लोबल एक्ट लोकलः डॉ. रघुनंदन सिंह टोलिया

06/12/20
in उत्तराखंड, पिथौरागढ़
Reading Time: 1min read
78
SHARES
98
VIEWS
Share on FacebookShare on WhatsAppShare on Twitter

डॉ० हरीश चन्द्र अन्डोला
पिथौरागढ़ के मुनस्यारी तहसील के टोला गांव में ही बीता योजना आयोग में भी पर्वतीय विकास एजेंडे से जुड़ी समितियों के वह सदस्य रहे। अपने 35 साल के प्रशासनिक सेवाकाल में वर्ष 2000 में उत्तराखंड राज्य गठन से पहले उत्तर प्रदेश में भी उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवा दी। उत्तर प्रदेश में वह पहले ग्राम्य विकास आयुक्त रहे। पर्वतीय विकास सचिव रहते हुए उन्होंने आठ पर्वतीय जिलों के विकास के लिए काफी काम किया। साथ ही उत्तराखंड राज्य के लिए गठित कौशिक समिति के संयोजक भी थे। राज्य बनने के बाद वह नई राजधानी स्थापना के प्रभारी भी बनाए गए। उत्तराखंड में आर्गेनिक टी.गार्डन को पुनर्जीवित करने में उनकी अहम भूमिका मानी जाती है। वर्तमान में वह दून विश्वविद्यालय में पब्लिक पॉलिसी सेंटर के अध्यक्ष और कुमाऊं विश्वविद्यालय कार्य परिषद के सदस्य थे। सामाजिक सरोकारों के अग्रणी, सफल प्रशासक, योग्य अध्येता, कुशल अन्वेषक, विद्वत इतिहासकार डॉण् रघुनंदन सिंह टोलिया आज हमारे बीच नहीं है, लेकिन हमारे पास आज उनकी यादों और उनके लिखे साहित्य का अदभुत खजाना है, जो हमें अपने जीवन के कर्तव्य पथ पर उनके विचारों और सपनों को साकार करने की नित्य प्रेरणा और स्फूर्ति प्रदान करते है। यह प्रेरणा और स्फूर्ति हमेशा हर हिमालयवासी के मन.मस्तिष्क में सजीव रहे, इसके लिए उनके व्यक्तित्व और कृतित्व के आत्मीय स्पर्श को आगे की पीढ़ी तक पहुंचाने का माध्यम आज हम.सब बने हैं।
डॉण् टोलिया का ओढ़ना.बिछौना, उठना.बैठना, सुबह.शाम हर वक्त उत्तराखण्ड विकास के लिए प्रयास और चिन्तन करना था। वो हम सब हिमालयवासियों के अभिभावक थे। पहाड़ की सभी संस्थाओें में उनकी मार्गदर्शी भागेदारी रहती थी। उत्तर प्रदेश में पर्वतीय विकास सचिव रहते हुए वे पहाड़ के विकास के लिए उत्तराखण्ड राज्य के आज के संपूर्ण शासन.प्रशासन से कहीं ज्यादा प्रतिबद्ध, सशक्त, प्रभावी और सक्रिय थे। उनका व्यक्तित्व ही ऐसा था कि वे सामने वाले व्यक्ति में सकारात्मक सोच के साथ नयी ऊर्जा का संचार कर देते थे। उत्तराखण्ड राज्य की नींव मजबूत हो, यह राज्य सही दिशा में सर्वागींण प्रगति करे इसके लिए उनकी दिन.रात की प्रतिबद्धता और कड़ी मेहनत किसी से छुपी नहीं है। राज्य के पूर्व मुख्य सचिव डॉण् आरएस टोलिया प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के एक मात्र ऐसे नौकरशाह थे, जो हमेशा विकास को लेकर चिंतित रहते थे। उनकी विरासत युवा अफसरों के लिए हमेशा प्रेरणादायक रहेगी।
देहरादून में 15 नवम्बर, 1947 में जन्मे और देहरादून में ही 6 दिसम्बर, 2016 में दुनिया से अलविदा होने की 69 वर्षों की उनकी सांसारिक यात्रा अदभुत थी। जीवनभर एक सच्चे हिमालय पुत्र होने का उन्होने फर्ज निभायाण् वे बता गये कि सफलता की वैश्विक ऊंचाईयों को हासिल करने के बाद जीवन का सकून तो अपने मूल समाज में लौट कर ही मिलता है। थिंक ग्लोबल एक्ट लोकल के वे प्रतिमूर्ति थे। गणित और इतिहास विषयों से परास्नातक यह विद्यार्थी ताउम्र निरंतर अध्ययनशील और घुम्मकड़ी में रहा। उत्तराखण्ड राज्य का सौभाग्य है कि उसके गठन के शुरूआती दौर के नीति.नियन्ताओं में डॉ. आरण् एसण् टोलिया जी का मार्गदर्शन मिला हैण् आशा की जानी चाहिए कि उत्तराखण्ड में उनके जैसा प्रशासकए नीति.निर्धारक और शिक्षाविद नयी पीढ़ी से सामने आयेगा उनकी प्रतिभा का इस्तेमाल उत्तराखण्ड के नेता नहीं कर सके। संस्थायें भी नहीं। नौकरशाह भी उनके रास्ते चलने में कतराते हैं। इसलिए एफण्आरण्डीण्सीण् को एण्पीण्सीण् बनाने की कृतघ्नता की गई है। पहाड़ और चिया द्वारा नैनीताल में आयोजित शोक सभा से निकले प्रस्ताव को मानकर उत्तराखण्ड सरकार ने उत्तराखण्ड प्रशासन अकादमी को उनके नाम से जोड़ दिया है। सचिवालय के योजना भवन को भी उनके नाम से जोड़ा है। परन्तु इन दोनों संस्थाओं को ज्यादा जीवन्त और अर्थवान बनाकर ही उनको वास्तविक सम्मान दिया जा सकता है।
दून विश्वविद्यालय भी उनकी स्मृति को एनण्टीण्पीण्सीण् चेयर से जोड़ रहा है। उनकी गति से किसी नेता या नौकरशाह के लिये काम करना संभव नहीं था, ऐसा सिद्ध होते हुये हम सबने देखा। बल्कि उनके कुछ कनिष्ठों ने उनके विश्वास का दुरुपयोग किया। सचिवालय में उनके शून्य को भरना मुश्किल होगा। सूचना आयोग को इतना जीवन्त मुख्य आयुक्त फिर नहीं मिलेगा और न उन तमाम संस्थाओं को इतना सक्रिय अध्यक्ष या सदस्य। मुख्य सचिव तथा मुख्य सूचना आयुक्त के रूप में उनके उत्तराधिकारी बने नृप सिंह नपलच्याल उन्हें ष्ज्ञान योगी और कर्मयोगी का समन्वित रूप मानते हैं। असहिष्णुता, छद्म देशभक्ति तथा पहाड़ों की लूट के तर्क पर जब मैंने रंज के साथ पù सम्मान लौटाया तो पहला मेल उनका आया था कि इस समय हरेक को यह सम्मान लौटा देना चाहिये। साथ में उन्होंने रोमिला थापर का एक पठनीय आलेख भी भेजा था। यह उनके साहस और सद्भावना की अभिव्यक्ति थी। शायद उनके मित्र, शुभचिंतक तथा उनके द्वारा स्थापित या पोषित संस्थाओं के लोग अपने अपने स्तर से अच्छे काम करके उन्हें याद कर सकते हैं। यह वह समय था जब उत्तराखण्ड विकास सचिव की हैसियत से वे उत्तराखण्ड सम्बन्धी मंत्रिमण्डलीय समिति कौशिक समिति के संयोजक का काम कर रहे थे। इस समिति के माध्यम से उत्तराखण्ड राज्य के स्वरूप पर स्थानीय निवासियों और विभिन्न प्रकार के जन प्रतिनिधियों ने अपनी राय दी। बलदेव सिंह आर्य की अध्यक्षता में बनायी गयी जंगलात सम्बन्धी समिति 1959 के बाद यह दूसरी और अन्तिम समिति थी जिसमें इतना गहन विचार.विमर्श हुआ था। जो लोग अपना लिखित प्रतिवेदन नहीं दे सके, उनसे सीधे बात करने के लिए वे अनेक जगहों पर गये। बच गये लोगों, जनप्रतिनिधियों और विशेषज्ञों को नैनीताल और लखनऊ की अन्तिम बैठकों में बुलाकर कार्य पूरा किया गया।अन्य मामले छोड़ भी दें तो भावी उत्तराखण्ड की राजधानी के बारे में इस समिति ने निर्विवाद रूप से जनता की और जन प्रतिनिधियों की उस सर्वसम्मत राय को सामने रख दिया, जिसमें सभी गैरसैण को नये राज्य की नयी राजधानी के रूप में देखना चाहते थे। आशा की जानी चाहिए कि उत्तराखण्ड में उनके जैसा प्रशासक, नीति.निर्धारक और शिक्षाविद नयी पीढ़ी से सामने आयेगा।

Share31SendTweet20
https://uttarakhandsamachar.com/wp-content/uploads/2025/10/yuva_UK-1.mp4
Previous Post

राज्य में 424 संक्रमित, आंकड़ा पहुंचा 77997

Next Post

सर्वजन स्वराज पार्टी ने दिया किसानों के बंद को समर्थन

Related Posts

उत्तराखंड

बहरीन में चल रहे यूथ एशियन गेम्स में कबड्डी में उत्तराखण्ड के खिलाड़ियों ने किया देश और प्रदेश का नाम रोशन

October 26, 2025
20
उत्तराखंड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को भगवान बद्रीविशाल के दर्शन पूजन कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की

October 26, 2025
11
उत्तराखंड

“देवभूमि सांस्कृतिक महोत्सव 2025” में स्थानीय समुदायों, पर्यटकों और गणमान्य अतिथियों की उत्साहपूर्ण सहभागिता देखने को मिली

October 26, 2025
4
उत्तराखंड

माणा गाँव में देवभूमि सांस्कृतिक महोत्सव का भव्य समापन — सीमांत क्षेत्रों में पर्यटन और आर्थिकी को नई उड़ान

October 26, 2025
9
उत्तराखंड

इंटर कॉलेज मोटाढाक में हुआ ब्लॉक स्तरीय विज्ञान महोत्सव संपन्न

October 26, 2025
41
उत्तराखंड

उत्तराखंड ग्रामीण बैंक ने आपदा प्रभावितों की सहायता एवं पुनर्निर्माण कार्यों के लिए ₹ 35,49,371 की धनराशि मुख्यमंत्री राहत कोष में प्रदान की

October 25, 2025
10

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Popular Stories

  • चार जिलों के जिलाधिकारी बदले गए

    67470 shares
    Share 26988 Tweet 16868
  • डोईवाला : पुलिस,पीएसी व आईआरबी के जवानों का आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण सम्पन्न

    45755 shares
    Share 18302 Tweet 11439
  • ऑपरेशन कामधेनु को सफल बनाये हेतु जनपद के अन्य विभागों से मांगा गया सहयोग

    38026 shares
    Share 15210 Tweet 9507
  •  ढहते घर, गिरती दीवारें, दिलों में खौफ… जोशीमठ ही नहीं

    37422 shares
    Share 14969 Tweet 9356
  • विकासखंड देवाल क्षेत्र की होनहार छात्रा ज्योति बिष्ट ने किया उत्तराखंड का नाम रोशन

    37293 shares
    Share 14917 Tweet 9323

Stay Connected

संपादक- शंकर सिंह भाटिया

पता- ग्राम एवं पोस्ट आफिस- नागल ज्वालापुर, डोईवाला, जनपद-देहरादून, पिन-248140

फ़ोन- 9837887384

ईमेल- shankar.bhatia25@gmail.com

 

Uttarakhand Samachar

उत्तराखंड समाचार डाॅट काम वेबसाइड 2015 से खासकर हिमालय क्षेत्र के समाचारों, सरोकारों को समर्पित एक समाचार पोर्टल है। इस पोर्टल के माध्यम से हम मध्य हिमालय क्षेत्र के गांवों, गाड़, गधेरों, शहरों, कस्बों और पर्यावरण की खबरों पर फोकस करते हैं। हमारी कोशिश है कि आपको इस वंचित क्षेत्र की छिपी हुई सूचनाएं पहुंचा सकें।
संपादक

Browse by Category

  • Bitcoin News
  • Education
  • अल्मोड़ा
  • अवर्गीकृत
  • उत्तरकाशी
  • उत्तराखंड
  • उधमसिंह नगर
  • ऋषिकेश
  • कालसी
  • केदारनाथ
  • कोटद्वार
  • क्राइम
  • खेल
  • चकराता
  • चमोली
  • चम्पावत
  • जॉब
  • जोशीमठ
  • जौनसार
  • टिहरी
  • डोईवाला
  • दुनिया
  • देहरादून
  • नैनीताल
  • पर्यटन
  • पिथौरागढ़
  • पौड़ी गढ़वाल
  • बद्रीनाथ
  • बागेश्वर
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • राजनीति
  • रुद्रप्रयाग
  • रुद्रप्रयाग
  • विकासनगर
  • वीडियो
  • संपादकीय
  • संस्कृति
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • साहिया
  • हरिद्वार
  • हेल्थ

Recent News

बहरीन में चल रहे यूथ एशियन गेम्स में कबड्डी में उत्तराखण्ड के खिलाड़ियों ने किया देश और प्रदेश का नाम रोशन

October 26, 2025

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को भगवान बद्रीविशाल के दर्शन पूजन कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की

October 26, 2025
  • About Us
  • Privacy Policy
  • Cookie Policy
  • Terms & Conditions
  • Refund Policy
  • Disclaimer
  • DMCA
  • Contact

© 2015-21 Uttarakhand Samachar - All Rights Reserved.

No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल

© 2015-21 Uttarakhand Samachar - All Rights Reserved.