नई दिल्ली। साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता, हिंदी के प्रख्यात लेखक, कवि और पत्रकार मंगलेश डबराल का निधन हो गया है। उनके निधन से हिंदी साहित्य जगत को बहुत बड़ी क्षति हुई है।
डबराल जी को कोरोना संक्रमण हो गया था, उनका इलाज पहले गाजियाबाद के एक निजी अस्पताल में चल रहा था, बाद में उन्हें एम्स नई दिल्ली शिफ्ट किया गया था।
बुधवार देर शाम एम्स, नई दिल्ली में कोरोना संक्रमण से संबंधित जटिलताओं के बाद मंगलेश डबराल का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। उनकी उम्र 72 वर्ष थी। डबराल जी के निधन की खबर से हिन्दी साहित्य और पत्रकारिता जगत को काफी क्षति और आघात हुआ है!
उनका जन्म 14 मई 1948 को टिहरी गढ़वाल, उत्तराखंड के काफलपानी गांव में हुआ था। इसके बाद, उनकी शिक्षा देहरादून में हुई। मंगलेश डबराल को हिंदी साहित्य जगत में उच्च कोटी का साहित्यकार और कवि माना जाता था। उनकी अद्भुत साहित्यिक रचनाओं के लिए उन्हें मान्यता भी प्राप्त हुई और की बार सम्मानित भी किया गया।
मंगलेश डबराल जी को अपने कई दशकों के कार्यों के लिए निम्न पुरस्कार और सम्मान अर्जित हुए:
ओमप्रकाश स्मृति सम्मान (1982); श्रीकान्त वर्मा पुरस्कार (1989) और “हम जो देखते हैं” के लिये साहित्य अकादमी पुरस्कार (2000)।
गौरतलब है कि श्री डबराल ने कुछ दिन पहले उत्तराखंड समाचार के ‘उत्तराखंड के सुलगते सवाल’ कार्यक्रम में साक्षात्कार दिया था। जिसमें उन्होंने उत्तराखंड की कई समस्याओं तथा अपने मूल गांव के बारे में कई बातें बताई थी।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता, श्री मंगलेश डबराल के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने श्री मंगलेश डबराल के निधन को हिन्दी साहित्य को एक बङी क्षति बताते हुये दिवंगत आत्मा की शांति व शोक संतप्त परिवार जनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है।












