फोटो– भगवान बदरीविशाल के मंदिर व सिंहद्वार को कुछ इस तरह सजाया गया था।
वीडियो- भगवान नारायण के कपाट बंद किए जानेे के बाद मुख्य पुजारी श्री रावल को बाहर लाते हुए।
प्रकाश कपरूवाण
बदरीनाथ/जोशीमठ। शीतकाल के लिए हुए भगवान बदरीविशाल के कपाट बंद कर दिए गए। हजारों श्रद्धालुओं की मौजूदगी व सेना की वैण्ड धुन ने पूरे वातावरण को मंत्रमुग्ध कर दिया। भगवान नारायण के श्री विगृह को पूरे दिन पुष्पों से सजाया गया था।
भू-वैकुंठ धाम भगवान श्री हरिनारायण के कपाट बृहस्पतिवार को तय मुहुर्त के अनुसार ठीक 3 बजकर 35 मिनट पर शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। अब अगले छः मास तक देवऋषि नारद द्वारा भगवान की पूजा/अर्चना की जाऐगी।
भगवान बदरीविशाल के कपाट बंद होने से पूर्व मान्य धार्मिक पंरपराओं का निर्वहन करते हुए मुख्य पुजारी श्री रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी ने स्त्री भेष धारण कर लक्ष्मी मंदिर से माता लक्ष्मी की मूर्ति को शीतकाल के लिए भगवान संग विराजमान किया। और गृभ गृह से उद्धव व कुबेर भगवान के श्री विगृहों को निश्चित स्थान के लिए प्रस्थान कराया। इसके उपरांत भगवान नारायण के श्री विगृह पर देश के अंतिम गाॅव माणा की कुॅआरी कन्याओं द्वारा बुनी गई ऊन की कंबल पर घृत लेपन कर लगाया गया। और ठीक 3बजकर 35मिनट पर भगवान के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए।
भगवान बदरीविशाल के कपाट बंद होेने का दृष्य बेहद ही भावुक कर देने वाला होता है। मुख्य पुजारी श्री रावल जो छ महीनों तक भगवान के संग अनवरत मौजूद रहते है, उनको भगवान से अगले छ महीनों तक विछुडने का भावुक माहौल के दौरान श्रद्धालु भी अपने आॅसू नही रोक सके। श्री रावल को देवस्थान बोर्ड के अपर मुख्य कार्याधिकारी व अन्य स्टाफ तथा भक्त किसी तरह मंदिर के गृभ गृह से उनके कक्ष तक पंहुचाते है। बदरीविशाल के जयकारों के बीच यह मौहोल बेहद भावुक कर देना वाला होता है।
कपाट बंद किए जाने के अवसर पर सेना की गढवाल स्काउटस की मधुर वैण्ड धुन पूरे वातावरण को मंत्रमुग्ध कर रही थी। श्रद्धालु भी वैण्ड धुन पर थिरकते देखे गए।
भवगान नारायण के कपाट बंद किए जाने के मौके पर जूना अखाडा के परमाध्यक्ष आचार्य महामण्डलेश्वर अवधेशानंद गिरी जी महाराज, दण्डी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जी महाराज,नासिक-महाराष्ट्र के महंत संविदा नंद जी महाराज, प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के भाई पंकज मोदी के अलावा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह, कांग्रेस नेता मनीष खंडूडी भी मौजूद रहे। कपाट बंद किए जाने की धार्मिक पंरपराओं को पूर्ण किए जाने के दौरान धर्माधिकारी आचार्य भुुवन चंद्र उनियाल, अपर धर्माधिकारी द्वय आचार्य सत्य प्रसाद चमोला व आचार्य राधाकृष्ण थपलियाल, वेदपाठी रविन्द्र भटट, देवस्थानम बोर्ड के अपर मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह, प्रभारी अधिकारी विपिन तिवारी, सहायक मंदिर अधिकारी राजेन्द्र सिंह चैहान, दफेदार कृपाल सिंह सनवाल, सहित अनेक लोग मौजूद रहे।
शुक्रवार को मुख्य पुजारी श्री रावल उद्धव, कुबेर की डोली व आद्य जगदगुरू शंकराचार्य की पवित्र गददी के साथ पहले प्रवास पांडुकेश्वर के लिए प्रस्थान करेगे।