थराली से हरेंद्र बिष्ट।
संयुक्त राष्ट्र संघ की पहल पर प्रतिवर्ष आयोजित किए जाने वाले विश्व मिट्टी दिवस को चमोली जिले के कृषि विज्ञान केंद्र ग्वालदम में मनाया गया। यहां आयोजित हुए कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों ने जिले के अलग.अलग क्षेत्रों से आए किसानों को मृदा परीक्षण की जानकारी दी।
कृषि विज्ञान केंद्र ग्वालदम में आयोजित एक गोष्ठी में चमोली जिले से आए किसानों को विज्ञान केंद्र वैज्ञानिकों ने मृदा के महत्व की जानकारी देते हुए बताया कि अच्छे उत्पादन के लिए किसानों को भूमि की उर्वकता की जानकारी होनी जरूरी हैं। बताया कि किस मिट्टी में कौन.कौन सी फसलों को उगाया जा सकता हैं। और उससे कितना उत्पादन लिया जा सकता हैं। अगर इसकी सही.सही जानकारी किसानों को होगी तो निश्चित ही बेहतरीन पैदावार खेतों से ली जा सकती हैं।
केंद्र के वैज्ञानिक डॉ गिरीश जोशी ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा किसानों की आजीविका को दुगना का सपना तभी साकार हो सकता हैं, जबकि किसानों को मिट्टी की सही जानकारी होगी।
केंद्र के प्रभारी अधिकारी डॉ अनिल पंवार ने किसानों को उर्वरता बढ़ाने के सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने के लिए उसमें पोषक तत्व डाले जाने चाहिए। किस तरह के पोषक तत्व मिलाये जाए उसे पूर्व जांच की जानी चाहिए । उन्होंने किसानों को बताया कि ग्वालदम कृषि विज्ञान केंद्र में आकर वे अपने खेतों, गांवों के खेतों की मिट्टी की जांच करवा सकते हैं। जांच यहां पर निशुल्क की जा सकती हैं। इस मौके पर दौरान जोशीमठ, कर्णप्रयाग, थराली, देवाल, नारायणबगड़ आदि विकास खंडों के किसानों ने अपने.अपने गांवों क्षेत्रों के मिट्टी के संबंध में चर्चा की।