देहरादून: त्रिवेंद्र कैबिनेट बैठक में 17 बिंदुओं पर चर्चा की गई। जिनमें से 15 प्रस्तावों पर कैबिनेट ने अपनी मुहर लगा दी है। मंत्रिमंडल की इस बैठक में समूह ग की भर्तियों और आबकारी नीति को लेकर बड़ा फैसला लिया गया। इसके साथ ही पिछड़ा वर्ग आयोग के प्रतिवेदन को मंजूरी के लिए विधानसभा के पटल पर रखने का फैसला किया गया है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में सचिवालय में हुई कैबिनेट की बैठक में नई आबकारी नीति को मंजूरी दे दी गयी। आबकारी का 3 हजार करोड़ का राजस्व लक्ष्य तय किया गया हैै। 120 फायदे की दुकान को दोबारा लेने पर 20 प्रतिशत का इजाफा कर आवेदन करना होगा। एनएच के कामों में बिजली पोल लाइन शिफ्टिंग चार्ज को घटाकर ढाई फीसदी किया गया है।
हिमालयी विश्वविद्यालय को कैबिनेट को मान्यता दे दी गयी है। समूह ग की सीधी भर्ती में संशोधन किया गया है। समूह ग की भर्ती में वही मान्य होगा जिसने राज्य में 10वीं और 12वीं मान्यता प्राप्त संस्थान की हो, अप्रवासी राज्यवासियों को भी लाभ मिलेगा।
राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम के 3600 करोड़ के ऋण में से 100 करोड़ ऋण पर निर्णय लिया गया। बैठक में यूजेवीएनएल के प्रतिवेदन को मंजूरी दी गई। भारतीय भागीदार अधिनियम में भी संशोधन होगा। किसानों को सालाना 6000 की आर्थिक मदद में उत्तराखंड में 450 से 500 करोड़ रुपये किसानों पर हर वर्ष खर्च होंगे।
केंद्रीय बजट के किसान सम्मान निधि राज्य में भी दी जाएगी, सभी जिला अधिकारियों को किसानों से जल्द रिपोर्ट देने को कहा गया। बैठक में निर्णय लिया गया कि सोसायटी रजिस्ट्रेशन ऑन लाइन होगा। पीडब्ल्यूडी के तहत नेशनल हाईवे में होने होने लाइन शॉफ्टिंग यूटिलिटी वर्क का चार्ज 15 प्रतिशत से घटाकर ढाई प्रतिशत किया गया।
विद्युत जल निगम के प्रत्यावेदन को मंजूरी प्रदान की गई है। हिमालयी विवि की देहरादून में स्थापना होगी। मूल्य वर्धित कर के मामलों को निपटाने के लिए 3 माह का समय दिया गया। वार्षिक विवरण अगले 6 माह में लाया जाएगा।
राज्य में गोल खाते के जितने भी दावेदार होंगे सभी को राशि दी जाएगी। बैठक में मंत्री प्रकाश पंत, मदन कौशिक, सतपाल महाराज, यशपाल आर्य, हरक सिंह रावत और सुबोध उनियाल मौजूद रहे।