
लक्षमण सिंह नेगी
जोशीमठ। उत्तराखंड के चमोली जिले के विकास खंड जोशीमठ के उरगम घाटी में कार्यरत स्वैच्छिक संगठन जनदेश द्वारा हरियाली लौटाने के लिए ग्राम पंचायत बेटा के साथ एक सफल प्रयास शुरू किया। वैसे तो पहाड़ों में काम करना कठिन है, जहां लोग विकास की चकाचौंध में पहाड़ों को छोड़कर मैदानों की ओर जा रहे हैं, वही कुछ लोग पहाड़ों को सवारने में लगे हुए हैं। उसका जीता जागता उदाहरण उरगम घाटी में देखा जा सकता है। दर्जनों वनीकरण बना चुके हैं। सूखी धरती में हरियाली लौटाने का काम पंचायत एवं स्वैच्छिक संगठन जनदेश, महिला मंगल दल, युवक मंगल दल स्वयं सहायता समूह द्वारा किया है।
वर्ष वर्ष 2018 में पिलखी गांव के कोल्हू नामक तोक में वनीकरण बनाया गया उस वनीकरण में 3000 से अधिक पौधों का रोपण किया गया। सामूहिक रूप से महिला मंगल दल युवक मंगल दल के सहयोग से किया गया जनदेश स्वैच्छिक संगठन द्वारा पौधे उपलबध कराए गए और ग्रामीणों द्वारा वनीकरण की चार दिवारी काम किया गया। इसकी देखरेख सामूहिक रूप से होती रही। महिलाएं अपने बच्चों की तरह पौधों की देखरेख करती रही, आज इस वनीकरण में 3000 से अधिक बांज बुरांश पागर देवदार के पेड़ तैयार हो गए हैं। ग्राम पंचायत बेटा की पूर्व प्रधान राजेश्वरी देवी कहती हैं कि हम लोगों ने सामूहिक रूप से भागीदारी करने के साथ.साथ संरक्षण का काम किया। जिससे हमें आज चारा पत्ती का लाभ मिल रहा है। प्रतिवर्ष इस वनीकरण से हमें घास का लाभ मिलता है। साथ ही महिलाओं का कार्य बोझ कम हो रहा है। हमारे प्रयास से और भी गांव को प्रेरणा मिल रही है।
पूर्व महिला मंगल माहेशवरी देवी पिंलखी की माहेश्वरी कहती है कि हमें जनदेश स्वैच्छिक संगठन ने प्रेरणा दी, जिससे हम लोग इस तरह का वनीकरण तैयार कर सके। हमारे गांव में इस तरह के पांच और वनीकरण वनीकरण हैं। व्यक्तिगत भी हमने वनीकरण तैयार किए हैं। सरस्वती स्वयं सहायता समूह रामेश्वरी देवी का कहना है कि इस वनीकरण को तैयार करने से हमें वर्ष 2013-14 का शैलाला देवी पर्यावरण पुरस्कार प्राप्त हुआ। जिसमें महिला मंगल दल को 10000 रुपये नगद पुरस्कार प्राप्त हुआ ।











