वन विभाग की टीम ने पौड़ी गढ़वाल के गोदी बड़ी गांव के करीब एक आदमखोर गुलदार को पिंजरे में कैद कर दिया। 10 अप्रैल को ग्रामीण चंद्र मोहन डबराल की साढे तीन वर्षीय पुत्री माही को इसी गुलदार ने निवाला बना लिया था। इससे पहले 11 मार्च को ग्राम सरड़ा में भी एक बच्चे पर हमला किया था। गुलदार के हमले में बच्चा बुरी तरह घायल हो गया था, माना जा रहा है कि इस घटना में भी यही गुलदार रहा होगा। गुलदार के पिंजरे में कैद होने से क्षेत्रवासियों ने राहत की सांस ली है।
शनिवार को बच्ची को निवाला बनाने वाले गुलदार को पकड़ने के लिए वन विभाग ने गांव में दो स्थानों पर पिंजरे लगा रखे थे। बता दें कि उस दिन माही शाम को अपनी दादी व अन्य ग्रामीणों के साथ खेत से घर की ओर आ रही थी। माही दादी से आगे बच्चों के साथ चल रही थी। इसी दौरान झाड़ियों में घात लगा कर बैठे गुलदार ने बच्ची पर झपट्टा मार दिया और उसे घसीटते हुए झाड़ियों की ओर ले गया। ग्रामीणों ने शोर मचाते हुए झाड़ियों की ओर पत्थर फेंकने शुरू किए, जिसके बाद गुलदार माही को मौके पर छोड़ जंगल की ओर भाग गया था, ग्रामीणों ने बच्ची को अस्पताल पहुंचाया लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका।
वन विभाग ने प्रदेश में आतंक का पर्याय बन चुके गुलदारों को पकड़ने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं, एक दिन पहले अल्मोड़ा के विकासखंड लमगड़ा के भैसोड़ा में आतंक का पर्याय बना गुलदार को पिंजरे में कैद किया था। गुलदार ने डेढ़ दर्जन से अधिक मवेशियों को अपना शिकार बनाया था। खासकर पौड़ी और अल्मोड़ा जिले में अभी की कई क्षेत्रों में गुलदारों के आतंक से लोग भयभीत हैं।