अल्मोड़ा। जागेश्वर क्षेत्र के विधायक व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने मुख्यमंत्री को भेजे ज्ञापन में कहा है कि वर्ष 2001 एवं 2002 में भर्ती उत्तराखण्ड पुलिस कर्मियों को 16 वर्ष की स्वच्छ सेवा पर दिये जाने वाले 4600 ग्रेड.पे को 20 वर्ष की सेवा के बाद भी प्रस्तावित 2800 ग्रेड.पे के स्थान पर 4600 ग्रेड पे दिये जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि वर्तमान में कोरोना महामारी के समय से पुलिस कर्मियों द्वारा फ्रन्ट लाईन वर्कर के रूप में आम जनता की भरपूर मदद की जा रही है। इसी परिपेक्ष्य में, मैं आपका ध्यान वर्ष 2001 व 2002 में भर्ती पुलिस कर्मचारियों को पूर्व की भाँति 16 वर्ष की सेवा में एसीपी के लाभ में 4600 ग्रेड पे दिये जाने के सम्बन्ध में आकृष्ट करना चाहता हूँ।
श्री कुंजवाल ने कहा कि मेरे संज्ञान में आया है कि छठे वेतन आयोग की सिफारिस लागू होने के पश्चात उत्तराखण्ड पुलिस विभाग में 16 वर्ष की संतोषजनक सेवा पूर्ण होने पर उनको 4600 रुपये ग्रेड पे दिया जा रहा था, जो वर्ष 2017 तक जिनकी 16 वर्ष की संतोषजनक सेवा पूर्ण हो चुकी है, उनको दिया गया। परन्तु उत्तराखण्ड के भर्ती वर्ष 2001 व 2002 के कर्मियों को इसका लाभ 16 वर्ष सेवा पूर्ण होने के बाद भी नहीं दिया जा रहा है। यह सिफारिश वर्तमान में 10-20 व 30 वर्ष में एसीपी का लाभ दिये जाने हेतु निर्धारित की गयी है। वर्ष 2001 व 2002 के उत्तराखण्ड पुलिस कर्मियों को माह अक्टूबर 2021 एवं अप्रैल 2022 में एसीपी का लाभ दिया जाना प्रस्तावित था, परन्तु शासन द्वारा कर्मियों को 4600 ग्रेड.पे के स्थान पर 20 वर्ष की सेवा में बाद 2800 ग्रेड.पे दिये जाने का आदेश कर दिया गया है।
इस वेतन विसंगति के होने से फ्रन्ट लाईन वर्कर उत्तराखण्ड पुलिस कर्मचारी जो कि अनुशासित कर्मी हैं, उनका मनोबल उक्त कारण से काफी गिरा हुआ है। वह अपनी पीड़ा सार्वजनिक रूप से जाहिर नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री से मांग की है कि वर्ष 2001 व 2002 के उत्तराखण्ड पुलिस कर्मियों को पूर्व की भाँति एसीपी के लाभ में 4600 ग्रेड.पे दिये जाने हेतु सम्बन्धित को आदेशित करने की मांग की जिससे उत्तराखण्ड पुलिस कर्मचारियों का मनोबल बना रहे।