थराली से हरेंद्र बिष्ट।
पिंडर घाटी की लाईफ लाईन माने जाने वाली कर्णप्रयाग-ग्वालदम राष्ट्रीय राजमार्ग 22 घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद आखिरकार बीआरओ ने वाहनों के आवागमन के लिए खोलने में सफलता हासिल कर ली है। जिससे स्थानीय लोगों के साथ ही दो दिनों तक यहां फंसे यात्रियों ने राहत की सांस ली है।
शनिवार दोपहर को साफ मौसम के बीच अचानक नारायणबगड़ से आगे कर्णप्रयाग की ओर मौणा छिडा के पास एक बड़ी चट्टान के खिसक कर ग्वालदम.कर्णप्रयाग राष्ट्रीय राजमार्ग पर गिरने एवं उससे सड़क के टूट कर पिंडर नदी में समा जाने के बाद इस राजमार्ग पर यातायात ठप हो गया था। इसके बाद से ही बीआरओ के द्वारा संड़क को खोलने का काम शुरू कर दिया था।
बीआरओ के 21 टास्क फोर्स जोशीमठ के कमांडर कर्नल मनीष कपिल ने बताया कि शनिवार की देर रात मलबा हटाने के बाद वाशआउट हो गई सड़क के स्थान पर पहाड़ काट कर सड़क खोलने का मेजर शिवम अवस्थी एवं जेई सुमित कुमार सिंह के नेतृत्व में प्रयास चल ही रहे थे कि अचानक फिर पहाड़ी से गिरे बोल्डरों के कारण मजबूरन रात को काम रोकना पड़ा। बताया कि आज सुबह से बारिश के बाद पुनः सड़क खोलने का प्रयास किया गया और दोपहर करीब पौने बारह बजे उसे इसमें सफलता मिल ही गई है। मार्ग पर वाहनों की आवाजाही शुरू होने पर पिंडर घाटी के तीनों विकासखंडों के साथ ही मार्ग में फंसे यात्रियों ने राहत की सांस ली है।