प्रकाश कपरूवाण।
जोशीमठ। उर्गम-पल्ला-डुमक मोटर मार्ग पर हुई बड़ी दुर्घटना के बाद से उर्गम घाटी के ग्रामीण भी सहमे हुए हैं।
उर्गम-डुमक मोटर मार्ग से भी ज्यादा खस्ताहाल हेलंग-उर्गम मोटर मार्ग की बनी हुई है। घाटी के जनप्रतिनिधि व ग्रामीण कई बार संबंधित विभाग से सड़क को लेकर पत्राचार कर चुके हैं लेकिन लग रहा है कि विभाग इस मोटर मार्ग पर भी किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार कर रहा है।
प्रधान संगठन जोशीमठ के अध्यक्ष अनूप नेगी ने हेलंग-उर्गम मोटर मार्ग की दयनीय स्थिति पर चिंता ब्यक्त करते हुए कहा कि इस सड़क पर यात्रा करना जान जोखिम मे डालना है, संबंधित विभाग को कई बार विभिन्न माध्यमों से अवगत कराया जा चुका है और अब आंदोलन ही एक मात्र रास्ता बच गया है।
उन्होंने कहा कि यदि दो सप्ताह के अंदर हेलंग-उर्गम एवं उर्गम-डुमक मोटर की स्थिति व एलाइमेंट मे सुधार नहीं हुआ तो उर्गम घाटी के दर्जनों गांवों के ग्रामीणों को आंदोलन के लिए विवश होना पड़ेगा।