केदारपुरी। ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग बाबा केदारनाथ के कपाट आज सुबह ब्रह्ममूहर्त में 5 बजकर 35 मिनट पर आम श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिये गये। तड़के से ही मंदिर के कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। सबसे पहले बाबा केदार के चल विग्रह उत्सव डोली को मंदिर में प्रवेश कराया गया। इसके बाद रावल और पुजारियों ने मंदिर में प्रवेश किया और धार्मिक अनुष्ठान शुरू किया। विधिवत पूजा.अर्चना कर रुद्राभिषेक, जलाभिषेक समेत सभी धार्मिक अनुष्ठान संपन्न कराए गए। तब मंदिर के कपाट भक्तों के दर्शनार्थ खोल दिए गए। हजारों श्रद्धालु कपाट खुलने के साक्षी बने। पूरी केदारपुरी हर हर महादेव, बम बम भोले और केदार बाबा के जयकारों से गूंज उठी। मंदिर के चारों ओर बर्फ की मोटी परत बिछी हुई थी। गौरतलब है कि रुद्रप्रयाग जिले में समुद्रतल से 3553 मीटर ऊंचाई पर मंदाकिनी व सरस्वती नदी के संगम पर स्थित केदारनाथ धाम का देश के बारह ज्योतिर्लिंगों में विशिष्ट स्थान है। मान्यता है कि महाभारत युद्ध के बाद पांडव अपने पापों का प्रायश्चित करने केदारनाथ पहुंचे और भगवान शिव की घोर तपस्या की। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव बैल के रूप में प्रकट हुए। तब से यहां बैल रूपी शिव के पृष्ठ भाग की पूजा होती आ रही है। 2013 की आपदा में केदारपुरी पूरी तरह तहस.नहस हो गई थी। उसके बाद केदारपुरी का पुनर्निर्माण किया गया।