प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। बदरीनाथ के कपाट बंद होने से पूर्व की धार्मिक पंरपरा की शुरूवात 16 नवंबर से शुरू होने जा रही है।
कलियुग पापाहारी भगवान श्री हरिनारायण के कपाट आगामी 20नंवबर को सांय 3बजकर 21 मिनट पर होगे।
इससे पूर्व की धार्मिक पंरपराओ का शुभारंभ 16नवबर से शुरू होगी।
प्राप्त विवरण के अनुसार कपाट बंद होने से पूर्व की पंरपरा के तहत 16नवबंर केा परिक्रमा परिसर मे विराजमान गणेश भगवान की मूर्ति को गृभ गृह मे सुसज्जित कर पूजाए होगी और सांय को गणेश मंदिर के कपाट बंद किए जाऐगे।
17नवबंर को तप्तकुंड मार्ग पर स्थित आदिकेदारेश्वर मंदिर मे अन्नकूट पूजा के बाद दोपहर साढे बारह बजे कपाट बंद किए जाऐगे। और 18 नवंबर से छ माह तक गूॅजने वाली वेदऋचाओं का वाचन बंद होगा। इस दिन खडक व पुस्तक को बंद कर दिया जाऐगा। इसके बाद19नवबंर को परिक्रमा परिसर मे महालक्ष्मी का विशेष पूजन तथा माता लक्ष्मी को शीतकाल के लिए श्री हरिनारायण के संग विराजमान होने के लिए न्योता दिया जाऐगा।
20नवबंर को प्रात से ही भगवान का पुष्प श्रृॅगार व महाभिषेक पूजाएं संपादित होगी। और सांय को ठीक 3बजकर 21मिनट पर भगवान के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाऐगे।
श्री बदरीनाथ के धर्माधिकारी आचार्य भुवनचंद्र उनियाल के अनुसार कपाट बंद होने से पूर्व की मान्य धार्मिक पंरपराओ का शुभारंभ 16नवबंर से शुरू किया जाऐगा। बताया कि कडाके की ठंड व बर्फबारी के वावजूद अंतिम दिनो भी यात्रियो का आगमन बना हुआ है।