हरेंद्र बिष्ट की रिपोर्ट।
थराली।
विकासखंड देवाल के अंतर्गत बेराधार के बमोटिया तोक में पिछले 70 वर्षों से रहे परिवारों को वन विभाग से भूमि खाली करने के नोटिसों से इन परिवारों पर संकट के बाद मंडराने लगे हैं। इससे आक्रोशित ग्रामीणों ने तहसील कार्यालय थराली में अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है।
पिछली महिने बमोटिया सहित थराली एवं देवाल वन रेंजों के अंतर्गत वर्षों से वन भूमि में रह रहे ग्रामीणों को वन विभाग के द्वारा वन भूमि को 20 फरवरी तक खाली करने के नोटिस थमाए गए थे जिस कारण ग्रामीणों की चिंता बढ़ना गई हैं। बेराधार के बमोटिया गांव में ये 65-70 परिवार पिछले 70 से 75 सालों से निवासरत हैं,और सरकार की ओर से यहां विद्यालय से लेकर आंगनबाड़ी केंद्र , पोलिंग बूथ की स्थापना तक कर दी गई हैं। इसके अलावा सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ भी दिया जा रहा है। पिछले कई दशकों से यहां निवासरत इन भूमिहीन परिवारों के पास इसके अलावा कहीं अन्यत्र आवासीय सुविधा उपलब्ध नहीं है। नोटिसों को वापस लेने की मांग को लेकर सोमवार से तहसील परिसर थराली में अनिश्चितकालीन धरना, प्रदर्शन शुरू कर दिया गया हैं। धरने के पहले दिन सीपीएम नेता मदन मिश्रा ललित मिश्रा,बमोटिया सहित अन्य गांवों के ग्रामीण रमेश,भरत कुमार, रघुवीर लाल, जसपाल आगरी, कौशल्या देवी, सेवानिवृत्त रेंजर गोविंद सोनी सहित दो दर्जन से अधिक पीड़ित ग्रामीण धरने पर बैठे इस दौरान उपजिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भेजा गया। जिसमें नोटिसों को वापस लिए जाने, मैदानी भागों के मलीन बस्तियों की तरह ही पहाड़ी क्षेत्रों में दशको से वन भूमि में रह रहे ग्रामीणों को भी मालिकाना हक दिए जाने की मांग करते हुए उग्र आंदोलन की चेतावनी दी गई हैं।