फोटो-हेमकुंड साहिब-लोकपाल व फूलों की घाटी का मुख्य पडाव घाॅधरिया।
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। घाॅधरिया व हेमकुड साहिब-लोकपाल क्षेत्र को ईको सेंसिटिव जोन से बाहर रखने के राज्य कैवनेट के प्रस्ताव के बाद भ्यूॅडार वैली में खुशी का महौल। पिछले दो वर्षांे से बेदखली के नोटिस से पेरशान थे ग्रामीण। ग्रामीणों ने इस फैसले के लिए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत व क्षेत्रीय विधायक महेन्द्र भटट का आभार जताया है।
विश्व धरोहर फूलों की घाटी नेशनल पार्क क्षेत्र के चारों ओर पारिस्थितकीय सवेंनदनशील क्षेत्र-ईको सेंसेटिव जोन घोषित किए जाने के बाद उच्च न्यायलय के एक आदेश व भारतीय वन अधिनियम की धाराओ का उपयोग करते हुए ईको सेंसेटिव जोन क्षेत्र मे अवैध अध्यावसन की कार्यवाही वन विभाग द्वारा शुरू की,और प्रबन्धक हेमकुंड सािहब मैनेजमेन्ट ट्रस्ट सहित कुल 49 लोगो को बेदखली का नोटिस थमा दिया गया। वन विभाग के इस कदम से गुस्साऐ ग्रामीणो ने तब मुख्य मंत्री व मुख्य सचिव व वन महकमे के आलाधिकारियों से भेंट करते हुए रोजगार को बचाने की गुहार लगाई थी। और तब से भ्यूॅडार वैली के ग्रामीण भ्यूॅडार गाॅव सहित घाॅघरिया व हेमकुंड साहिब-लोकपाल क्षेत्र को ईको सेसेटिव जोन से बाहर किए जाने की राह देख रहे थे।
बीते दिवस राज्य कैबनेट की अहम बैठक मे फूलों की घाटी ईको सेंसेटिव जोन से भ्यूॅडार, घाॅधरियाॅ, लक्ष्मण मन्दिर व हेमकुंड साहिब-लोकपाल को बाहर रखने का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजने का निर्णय लिया गया। कैबनेट के इस निर्णय के बाद अब भ्यूॅडार वैली के ग्रामीणों को बेदखली के फरमान से राहत मिली हैं। ग्रामीणो का मानना है कि राज्य सरकार ने जिस गंभीरता से यह निर्णय लिया है उन्है उम्मीद है कि भारत सरकार के पयार्ववरण मंत्रालय से भी उचित पैरवी करते हुए इन क्षत्रों को ईको सेंसेटिव जोन से बाहर कराऐगी।
कैबनेट के इस निर्णय पर भ्यूॅडार के प्रधान शिवराज सिंह चाौहान, वन पचंायत सरपंच संजय चाौहान पूर्व संरपच विजेन्द्र चाौहान, पूर्व प्रधान प्रताप सिंह चाौहान,जगदीश चाौहान के अलावा रघुबीर सिह चैाहान,व दिनेश झिक्वांण आदि ग्रामीणो ने इस निर्णय के लिए मुख्य मंत्री तीरथ सिंह रावत व बदरीनाथ के विधायक महेन्द्र भटट का आभार जताया है।
बदरीनाथ के विधायक महेन्द्र भटट ने कैबनेट के इस फैसले पर खुशी जताते हुए कहा कि इस प्रकरण के संज्ञान मे आते ही उन्होने भ्यूॅडार के जनप्रतिििनधियों के साथ निर्वतान सीएम व मुख्य सचिव से वार्ता की थी, और तब भी इस मामले मे उचित रास्ता निकालने का आश्वासन दिया गया था। उन्होने बताया कि नए सीएम बनने के बाद उन्होने इस मसले को इनके सम्मुख रखा था, जिस पर कैबनेट ने निर्णय लिया है। उन्होने समस्त क्षेत्रवासियों को इसके लिए बधाई दी है।
इस महत्वपूर्ण प्रकरण पर संपर्क करने पर वन महकमे के मुखिया राजीव भरतरी के अनुसार उक्त प्रकरण मे शासन द्वारा संसोधित प्रस्ताव मंागे गए थे, विभाग ने रायसुमारी व बैठके करने के बाद शासन को संशाधित प्रस्ताव भेजा था। जिस पर कैबनेट ने अपनी मुहर लगाई है। उन्होने बताया कि अब भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय द्वारा प्रस्ताव का परीक्षण व सभी निर्धारित प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद उक्त क्षेत्रो का इ्र्रको सेंसेटिव जोन से बाहर रखे जाने का निर्णय लिया जा सकता है।