• About Us
  • Privacy Policy
  • Cookie Policy
  • Terms & Conditions
  • Refund Policy
  • Disclaimer
  • DMCA
  • Contact
Uttarakhand Samachar
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल
No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल
No Result
View All Result
Uttarakhand Samachar
No Result
View All Result

जानलेवा हमले के बाद काटने पड़े दोनों पैर, सी सदानंदन मास्टर

14/07/25
in उत्तराखंड, दुनिया, देहरादून
Reading Time: 1min read
14
SHARES
18
VIEWS
Share on FacebookShare on WhatsAppShare on Twitter

 

डॉ. हरीश चन्द्र अन्डोला
कभी सोचा है, कोई इंसान अपने दोनों पैर गंवाने के बाद भी ज़िंदगी की दौड़ में इतनी तेज़ी से भागे कि सीधा संसद तक पहुंच जाए? ये कोई फ़िल्मी कहानी नहीं, बल्कि केरल के सदानंदन मास्टर की सच्ची और दिल छू लेने वाली दास्तान है, जिन्हें हाल ही में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है. 25 जनवरी, 1994 की है. सदानंदन मास्टर अपनी बहन की शादी का न्योता देकर घर लौट रहे थे. घर में जश्न का माहौल था, क्योंकि कुछ दिनों बाद ही उनकी बहन की सगाई थी. लेकिन किसे पता था कि ये ख़ुशियां मातम में बदलने वाली हैं. जैसे ही वो कार से उतरे, कम्युनिस्ट पार्टी  कार्यकर्ताओं के एक गुट ने उन पर बेरहमी से हमला कर दिया. हमलावरों ने उन्हें घसीटा और फिर उनके दोनों पैर काट दिए. इतना ही नहीं, उन्होंने क्रूरता की सारी हदें पार करते हुए उनके कटे हुए पैरों को सड़क पर रगड़ा ताकि भविष्य में उनकी सर्जरी न हो सके. उस वक़्त सदानंदन मास्टर की उम्र महज़ 30 साल थी. शारीरिक विकलांगता उनके हौसले को नहीं तोड़ पाई. कृत्रिम पैर लगवाकर उन्होंने एक नई शुरुआत की. 1999 में उन्होंने त्रिशूर ज़िले के एक माध्यमिक विद्यालय में सामाजिक विज्ञान के शिक्षक के रूप में नौकरी की. अगले 25 सालों तक उन्होंने पूरी लगन से बच्चों को पढ़ाया और 2020 में रिटायर हुए.शिक्षक के तौर पर सेवा देने के बाद भी उनका सामाजिक और राजनीतिक कार्यों के प्रति जुनून कम नहीं हुआ. वह और अधिक सक्रिय हो गए. बीजेपी ने उन्हें 2016 और फिर 2021 में विधानसभा चुनाव का उम्मीदवार भी बनाया था. और अब, जुलाई 2025 में राष्ट्रपति ने उन्हें राज्यसभा के लिए मनोनीत कर एक नया सम्मान दिया है. इस पर सदानंदन मास्टर ने कहा कि यह उनके लिए गर्व का क्षण है और पार्टी ने उन पर जो विश्वास दिखाया है, उसके लिए वे आभारी हैं. उन्होंने कहा कि उनका कर्तव्य है कि वे ‘विकसित केरल और विकसित भारत’ के पार्टी के नारे को बुलंद करें और कन्नूर ज़िले के पार्टी कार्यकर्ताओं का आत्मविश्वास बढ़ाएं, जिन्होंने पार्टी के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया है.पीएम ने भी सदानंदन मास्टर की सराहना करते हुए कहा कि उनका जीवन साहस और अन्याय के आगे न झुकने की भावना का प्रतीक है. पीएम ने कहा कि हिंसा और धमकियां राष्ट्र के विकास के प्रति उनके जज़्बे को रोक नहीं पाईं. एक शिक्षक और सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में भी उनके प्रयास सराहनीय हैं और वे युवा सशक्तीकरण में गहरी आस्था रखते हैं.सदानंदन मास्टर की कहानी हमें सिखाती है कि जीवन में कितनी भी मुश्किलें क्यों न आएं, अगर हौसला बुलंद हो तो हर बाधा को पार किया जा सकता है. यह सिर्फ़ एक व्यक्ति की कहानी नहीं, बल्कि अदम्य इच्छाशक्ति और संघर्ष की एक मिसाल है. सदानंदन केरल के कुछ हिस्सों में राजनीतिक हिंसा से जुड़े मुद्दों पर मुखर रहे हैं। सदानंदन का विवाह वनिता रानी से हुआ है, जो स्वयं भी एक शिक्षिका हैं। उनकी बेटी यमुना भारती बी.टेक की छात्रा है। उनका परिवार केरल में शैक्षणिक और सामाजिक क्षेत्रों में सक्रिय रहा हैउनका पूरा परिवार शिक्षा और समाजसेवा के मूल्यों को अपनाकर जीवन जी रहा है।शिक्षाविद सी. सदानंदन मास्टर ​61 साल के हैं. वे केरल के कन्नूर में जन्मे. पेशे से वे शिक्षाविद और राजनेता रहे हैं. उन्‍होंने ग्रामीण शिक्षा, आदिवासी विकास और सामाजिक समरसता पर काम किया है. उनका केरल के पश्चिम इलाकों में शिक्षा के प्रसार के लिए सक्रिय योगदान रहा.
केरल में वे विभिन्न सामाजिक संगठनों और शैक्षणिक संस्थाओं से जुड़े रहे. राजनैतिक कैरियर की बात करें तो सी. सदानंदन मास्टर केरल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उपाध्यक्ष रह चुके हैं. इसके अलावा वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ प्रचारक भी रहे हैं. 2016 और 2021 में उन्‍होंने विधानसभा चुनाव भी लड़ा था. प्रधानमंत्री ने 13 जुलाई को एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में सदानंदन की प्रशंसा करते हुए कहा, “श्री सी सदानंदन मास्टर का जीवन साहस और अन्याय के आगे न झुकने की भावना का प्रतीक है वे युवा सशक्तिकरण के प्रति बेहद समर्पित हैं। राज्यसभा के लिए मनोनीत होने पर उन्हें बधाई।”प्रभावित लोगों के अधिकारों के लिए आवाज उठाते रहे हैं. उनकी यह प्रतिबद्धता उन्हें एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में विशिष्ट पहचान देती है.। पैर काटे जाने के चलते मास्टर सदानंदन चलने-फिरने में सक्षम नहीं रहे थे। उनका कई दिनों तक अस्पताल में इलाज चला। सदानंदन मास्टर को इसके बाद प्रोस्थेटिक लेग्स यानी नकली पैर लगाए गए। उन्होंने इनसे चलना 6 महीने में सीख लिया और वापस संघ के काम में लग गए। *लेखक विज्ञान व तकनीकी विषयों के जानकार दून विश्वविद्यालय में कार्यरत हैं।*

Share6SendTweet4
https://uttarakhandsamachar.com/wp-content/uploads/2025/10/yuva_UK-1.mp4
Previous Post

थराली में अंग्रेजी शराब की खेप पकड़ी, पंचायत चुनाव को लेकर पुलिस सतर्क

Next Post

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से शिष्टाचार भेंट की

Related Posts

उत्तराखंड

एसडीआरएफ के जवान सागर सिंह ने जीता वुशु प्रतियोगिता में कांस्य पदक

October 23, 2025
5
उत्तराखंड

सवाल उठ रहा है कि क्या ये योजनाएं इस अवधि में पूरी हो पाएंगी?

October 23, 2025
5
उत्तराखंड

रसायन विज्ञान पर लिखी किताबों भेंट की

October 23, 2025
6
उत्तराखंड

कपाट बंद होने के मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी श्री केदारनाथ धाम पहुंचे

October 23, 2025
4
उत्तराखंड

केंद्रीय ओबीसी की सूची मे शामिल होने की आस लगाए सीमांत पैनखंडा समुदाय के लोगों का अब सब्र का बाँध भी टूटने लगा है

October 23, 2025
14
उत्तराखंड

सुबह साढ़े आठ बजे बंद हुए बाबा केदारनाथ के कपाट

October 23, 2025
4

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Popular Stories

  • चार जिलों के जिलाधिकारी बदले गए

    67469 shares
    Share 26988 Tweet 16867
  • डोईवाला : पुलिस,पीएसी व आईआरबी के जवानों का आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण सम्पन्न

    45755 shares
    Share 18302 Tweet 11439
  • ऑपरेशन कामधेनु को सफल बनाये हेतु जनपद के अन्य विभागों से मांगा गया सहयोग

    38026 shares
    Share 15210 Tweet 9507
  •  ढहते घर, गिरती दीवारें, दिलों में खौफ… जोशीमठ ही नहीं

    37422 shares
    Share 14969 Tweet 9356
  • विकासखंड देवाल क्षेत्र की होनहार छात्रा ज्योति बिष्ट ने किया उत्तराखंड का नाम रोशन

    37293 shares
    Share 14917 Tweet 9323

Stay Connected

संपादक- शंकर सिंह भाटिया

पता- ग्राम एवं पोस्ट आफिस- नागल ज्वालापुर, डोईवाला, जनपद-देहरादून, पिन-248140

फ़ोन- 9837887384

ईमेल- shankar.bhatia25@gmail.com

 

Uttarakhand Samachar

उत्तराखंड समाचार डाॅट काम वेबसाइड 2015 से खासकर हिमालय क्षेत्र के समाचारों, सरोकारों को समर्पित एक समाचार पोर्टल है। इस पोर्टल के माध्यम से हम मध्य हिमालय क्षेत्र के गांवों, गाड़, गधेरों, शहरों, कस्बों और पर्यावरण की खबरों पर फोकस करते हैं। हमारी कोशिश है कि आपको इस वंचित क्षेत्र की छिपी हुई सूचनाएं पहुंचा सकें।
संपादक

Browse by Category

  • Bitcoin News
  • Education
  • अल्मोड़ा
  • अवर्गीकृत
  • उत्तरकाशी
  • उत्तराखंड
  • उधमसिंह नगर
  • ऋषिकेश
  • कालसी
  • केदारनाथ
  • कोटद्वार
  • क्राइम
  • खेल
  • चकराता
  • चमोली
  • चम्पावत
  • जॉब
  • जोशीमठ
  • जौनसार
  • टिहरी
  • डोईवाला
  • दुनिया
  • देहरादून
  • नैनीताल
  • पर्यटन
  • पिथौरागढ़
  • पौड़ी गढ़वाल
  • बद्रीनाथ
  • बागेश्वर
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • राजनीति
  • रुद्रप्रयाग
  • रुद्रप्रयाग
  • विकासनगर
  • वीडियो
  • संपादकीय
  • संस्कृति
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • साहिया
  • हरिद्वार
  • हेल्थ

Recent News

एसडीआरएफ के जवान सागर सिंह ने जीता वुशु प्रतियोगिता में कांस्य पदक

October 23, 2025

सवाल उठ रहा है कि क्या ये योजनाएं इस अवधि में पूरी हो पाएंगी?

October 23, 2025
  • About Us
  • Privacy Policy
  • Cookie Policy
  • Terms & Conditions
  • Refund Policy
  • Disclaimer
  • DMCA
  • Contact

© 2015-21 Uttarakhand Samachar - All Rights Reserved.

No Result
View All Result
  • Home
  • संपादकीय
  • उत्तराखंड
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधमसिंह नगर
    • देहरादून
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • संस्कृति
  • पर्यटन
    • यात्रा
  • दुनिया
  • वीडियो
    • मनोरंजन
  • साक्षात्कार
  • साहित्य
  • हेल्थ
  • क्राइम
  • जॉब
  • खेल

© 2015-21 Uttarakhand Samachar - All Rights Reserved.