डिजिटल युगीन पत्रकारिता में नैतिक मापदण्ड एवं चुनौतियां विषय पर गोष्ठी आयोजित
अल्मोड़ा। राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर डिजिटल युगीन पत्रकारिता में नैतिक मापदण्ड एवं चुनौतियों विषय पर राजकीय संग्रहालय अल्मोड़ा में एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर वक्ताओं ने आधुनिक तकनीक के साथ पत्रकारिता में आ रहे तेजी से बदलाव व कई नैतिक चुनौतियों पर भी अपने विचार रखे। सोशल मीडिया में फेक न्यूज भी एक बड़ी चुनौती है जिस पर मीडिया से जुड़े सभी कर्णधारो को गम्भीरता से विचार करना होगा। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश पाण्डे ने कहा कि पत्रकारिता जनता को सूचना, शिक्षा और मनोरजंन से अवगत कराने का माध्यम है। उन्होंने कहा कि डिजिटल मीडिया के आने से प्रिंट एवं इलैक्ट्रानिक मीडिया का भविष्य खतरे में है।
इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार नवीन बिष्ट ने कहा कि पत्रकारिता अपने उददेश्य से भटक गयी है और वह उद्योग के रूप में स्थापित हो गयी है। डिजिटल मीडिया के प्रचलन से प्रिंट एवं इलैक्ट्रानिक मीडिया के अस्तित्व को बचाना एक चुनौती है। वरिष्ठ पत्रकार दीप जोशी ने कहा कि डिजिटल मीडिया के आने से सूचनाओं के आदान-प्रदान में तेजी आयी है लेकिन इससे एक खतरा भी उत्पन्न हुआ है। कई बार आधारहीन एवं गलत सूचनायें प्रसारित की जा रही है। पत्रकार निर्मल उप्रेती, प्रमोद डालाकोटी, कंचना तिवारी, किशन जोशी, डी0एस0 सिजवाली, विभु कृृष्णा ने अपने विचार रखते हुए कहा कि तथ्यपरकता, यर्थातवादिता, संतुलन, वस्तुनिष्ठता पत्रकारिता के आधारभूत तत्व है मगर इन चारो की कमी होने से आज पत्रकारिता में गिरावट आ गयी है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि वर्तमान दौर की विभिन्न चुनौतियों के दृष्टिगत मीडिया की भूमिका और अधिक प्रसांगिक और महत्पूर्ण हो जाती है।
इस अवसर पर वक्ताओं ने विगत दिनों उच्च न्यायालय द्वारा पत्रकारों हेतु जो पेंशन योजना लागू किये जाने का निर्णय लिया उसके तहत सभी जनपदों में इसका लाभ उन्हें मिल सके इसके लिए सूचना विभाग पहल करे। इसके अलावा उन्होंने कहा कि प्रेस मान्यता व विज्ञापन मान्यता सम्बन्धी अनेक मामले जो पत्रकारों के लम्बित है उसका भी निस्तारण किया जाय। इसके साथ ही पत्रकारों ने पत्रकार कालोनी हेतु प्रदेश स्तर पर एक नीति बनाये जाने की बात भी कही। इस कार्यक्रम में सहायक सूचना अधिकारी अजनेश राणा ने भी अपने विचारो में कहा कि 04 जुलाई, 1966 को भारत में प्रेस परिषद की स्थापना की गयी जिसने 16 नवम्बर से अपना विधिवत कार्य शुरू किया तब से लेकर आज तक प्रतिवर्ष 16 नवम्बर को राष्ट्रीय प्रेस दिवस के रूप में मनाया जाता है। कार्यक्रम में उपस्थित शंकर दत्त पाण्डेय ने इस दिवस की बधाई देते हुए कहा कि पत्रकारों द्वारा जो भी सुझाव रखे गये है उन्हें अपने स्तर सूचना निदेशालय भेजा जायेगा साथ ही उन्होंने सबका आभार व्यक्त किया। इस कार्यक्रम में पी0सी0 तिवारी, राजेन्द्र रावत, नवीन उपाध्याय, अशोक पाण्डे, प्रमोद जोशी, शिवेन्द्र गोस्वामी, उपस्थित थे। अन्त में वरिष्ठ पत्रकार एवं स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी स्व0 देवेन्द्र सनवाल के निधन पर दो मिनट का मौन रखा गया।