फोटो- विष्णुप्रयाग से बदरीनाथ तक चैडीकरण कार्य बंद होने के बाद सड़कों के ऊपरी ओर बोल्डर कुछ इस तरह लटके हुए हैं।
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। बीआरओ ने बर्फ के पहाडों को चीर कर न केवल श्री बदरीनाथ धाम तक बल्कि देश के अंतिम गाॅव माणा व उसके आगे 4किमी तक के मार्ग तक बर्फ हटाकर मार्ग तैयार कर लिया है। लेकिन लाॅकडाउन के कारण विष्णुप्रयाग से ही कार्य ठप होने के चलते कपाट खुलने से पूर्व सडक आवागम के लिए दुरस्त कैसे होगी! यह चिंता का विषय बना हुआ है। विष्णुप्रयाग से लेकर बदरीनाथ तक कार्य पर लगे सैकडों मजदूर व मशीनें ठप पडी हैं। बीआरओ के सामने भी मजदूरों को बिना काम के रोके रखना किसी चुनौती से कम नहीं है।
सीमा सडक संगठन वर्षो-वर्षो से विकट व प्रतिकूल परिस्थितियों मे भी भगवान बदरीविशाल के कपाट खुलने से पूर्व हिमखंडो को काटकर मार्ग तैयार करती रही है। और इस वर्ष भी बेहद विकट व प्रतिकूल स्थिति मे भी बीआरओ ने न केवल बदरीनाथ धाम व देश के अंतिमं गाॅव माणा तक ब्लकि माणा से माणा पास की ओर चार किमी तक बर्फ हटाकर सडक दुरस्त कर लिया है। लेकिन बदरीनाथ तक वाहन सुगमता से तभी पंहुच सकेगे जब ऋषिकेश से बदरीनाथ तक भी मार्ग दुरस्त व बेहतर हो । ऋषिकेश से लेकर पीपलकोटी हेलगं तक तक मार्ग को काफी हद तक सुगम्य आवागमन के लिए तैयार कर लिया गया है। और कार्य भी जारी है। लेकिन विष्णु प्रयाग से लेकर बदरीनाथ तक संडक चैडीकरण का कार्य इसी वर्ष शीतकाल के दौरान शुरू हुआ था। जिसमे हिल कटिगं का कार्य लगभग किया जा चुका है। अब दीवाल बंदंी व सडक पर पडे मक को हटाने का कार्य शेष था जिसे कपाट खुलने से पूर्व मार्ग से हटाकर सडक मार्ग को आवाजाही के लिए तैयार करना था। लेकिन लाॅक डाउन के कारण निर्माण कार्य पर भी पाबंदी लग जाने के कारण सबकुछ ठप्प पडा हुआ है। ऐसे मे कपाट खुलने से पूर्व वाहनो की आवाजाही कैसे हो सकेगी!यह चिंता का विषय बना हुआ है।
विष्णुप्रयाग से बदरीनाथ तक सडक निर्माण पर लगी बीआरओ व एनएच तथा उनकी सहायक कपंनियों द्वारा कई बार प्रशासन तक अपनी बात रख ली है। लेकिन किसी स्तर से भी अभी तक कार्य शुरू करने के निर्देश जारी नही हुए है। विगत दिनो बदरीनाथ के विधायक महेन्द्र भटट के जोशीमठ भ्रमण के दौरान भी गढवाल सासंद के प्रतिनधि किशोर पंवार ने भी विष्णु प्रयाग से बदरीनाथ तक करीब तीस किमी0 मार्ग पर कार्य करने की अनुमति दिलाने का आग्रह किया था। लेकिन इस दिशा मे कोई कार्यवाही नही हो सकी है।
दरसअल विष्णुप्रयाग से लेकर बदरीनाथ तक सडक चैडीकरण के कार्य के दौरान चटटान कटिंग कार्य किए गए लेकिन कई स्थानो पर कटिंग के दौरान बडे-बडे बोल्डर सडक की ओर लटके हुए है। जो किसी बडे खतरे से कम नही है। यदि यथासमय विष्णु प्रयाग से बदरीनाथ तक कार्य शुरू करने के निर्देश जारी नही होते है। तो कपाट खुलने से पूर्व मार्ग को दुरस्त किया जाना संभव नही हो सकेगा।
संपर्क करने पर सीमा संडक संगठन की 21टास्क फोर्स के कमांडर कर्नल मनीष कपिल ने बताया कि कार्य करने की परमीशन ना होने के कारण अकेले बीआरओ के अधीन कार्य करने वाली करीब 40मशीने व डेढ सौ से दो सौ मजदूर खाली बैठे है। उनका कहना था कि कम से कम मशाीनो से कार्य करने की परमीशन मिलनी चाहिए ताकि विष्णु प्रयाग से लेकर आगे तक मक व बोल्डर को हटाकर सडक को दुरस्त किया जा सके। उनका कहना था कि उनके अधीन जो भी मजदूर वर्तमान मे कार्य कर रहे है वही मजदूर निंरतर कार्य पर रहेगे ना कोई नया आएगा और ना ही बाहर जाऐगां। इसकी मोनेटरिंग प्रशासन भी कर सकता है। लेकिन यदि यह सब नही होता और सडक को बेहतर बनाने के लिए कहा जाऐगा तो अतिम दस दिनो मे सडक को यात्रा लायक बना दिया जाना कतई ंसंभव नही होगा।
बदरीनाथ के विधायक महेन्द्र भटट ने बताया कि विष्णुप्रयाग से बदरीनाथ तक सडक कार्य शुरू किए जाने को लेकर वे शीध्र ही मुख्य मंत्री से वार्ता कर वस्तुस्थिति की जानकारी देकर उक्त स्थल पर कार्य शुरू कराने की संस्तुति ली जाऐगी।