हरेंद्र बिष्ट की रिपोर्ट।
भराड़ीसैंण। भराड़ीसैंण में आयोजित चार दिवसीय विधानसभा सत्र को लेकर जो आशंका सत्र के पहले दिन लगाईं जा रही थी सत्र के दूसरे दिन सही साबित हुई हैं।
दरअसल मंगलवार से भराड़ीसैंण में शुरू हुए विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन नैनीताल में पंचायत चुनावों के तहत जिला पंचायत के पांच सदस्यों के कथित अपहरण,नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य एवं विधायकों के साथ धक्का,मक्की, मुकदमों के दर्ज को लेकर कांग्रेसी विधायकों ने सदन में जिस तरह से मेजों को धकेला, जोरदार नारेबाजी के साथ कागजों को फाड़ कर पीठ की ओर उछाल और जितनी देर सदन चला शोर-शराबे के बीच कुछ भी सुनाई नही देने के चलते लगातार सदन की कार्रवाई स्थगित की जाती रही। इसके बाद कांग्रेसी विधायकों ने सदन के अंदर ही धरना शुरू कर दिया जोकि मंगलवार एवं बुधवार की सुबह तक जारी रहा।ऐसी स्थिति में माना जानें लगा था कि बुधवार को चार दिवसीय मानसून सत्र बुधवार को ही निपट जाएगा। बुधवार की सुबह 11 बजें जैसे ही विधानसभा अध्यक्ष सदन में पहुंची तो कांग्रेस विधायकों ने फिर से सदन टेबिल बजाते हुए नारेबाजी करते हुए नियम 310 के तहत सदन में चर्चा करने की मांग शुरू कर दी जिस पर अध्यक्ष 11.3 पर सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। उसके बाद 11.25 पर एक बार फिर से सदन की कार्यवाही शुरू कर दी परंतु विपक्षी विधायकों के रूख में कोई परिवर्तन नही आया।इसी तरह 12.05 बजें फिर 12.30 बजें सदन की कार्यवाही शुरू करने का प्रयास किया गया किंतु उसे विपक्षी विधायकों के रूख के कारण 12.35 बजें तक स्थगित करना पड़ा।12.35 विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडुडी, भूषण ने 12.35 बजें भारी शोर-शराबे के बीच सदन की कार्यवाही शुरू की और शोर-शराबे, टेबलों को बजाने, कांग्रेसी विधायकों के द्वारा लगातार कागज फड कर सदन में उछालने के बीच सदन ने 29 विभागीय अनुपूरक अनुदानों को पास करने के साथ ही 7 विधेयकों को पास कर दोपहर करीब 1.30 बजें अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया।इस सदन में डेढ़ दिनों में किसी भी बिंदु पर चर्चा ही नही हो सकी जिससे निश्चित ही पूरें उत्तराखंडियों के हाथों मायूसी ही हाथ लगी हैं। और सदन डेढ़ दिनों में ही सिमिट जाने के लिए सत्ता पक्ष एवं विपक्ष एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करने में जुटे हुए हैं। निश्चित ही मामला आने वाले दिनों में और अधिक तूल पकड़ सकता हैं।