थराली से हरेंद्र बिष्ट।
सरकारी निर्माण कार्य में रायल्टी की नीति में परिवर्तन के खिलाफ पिंडर घाटी के ठेकेदार भी भड़कने लगे हैं। इसके तहत यहां राजकीय ठेकेदार संघ थराली ने उपजिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भेज कर रायल्टी की पूर्ववत व्यवस्था को यथावत रखने की मांग की है।
मुख्यमंत्री को भेजे ज्ञापन में कहा गया हैं कि गत दिनों राज्य सरकार ने सरकारी विभागों में ठेकेदारी कर रहे ठेकेदारों को कार्यों के विरुद्ध किए जाने वाले कामों की रायल्टी को लेकर एक शासनादेश जारी किया है। जिसमें कहा गया हैं कि अब रायल्टी ठेकेदारों के दायकों से काटने के बजाय अधिकृत उप खनन विक्रेताओं से जारी रायल्टी पर्चो को देयक के साथ लगाने के बाद ही भुगतान किया जाएगा।अधिकृत उप खनन विक्रेता के द्वारा जारी रायल्टी पर्चा जमा नही करने पर ठेकेदार से पांच गुना रायल्टी वसूलने की बात कही गई है। जोकि पूरी तरह से गलत तो है ही साथ ही छोटे एवं मझौले ठेकेदारों को बेरोजगार करने का प्रयास है।
ज्ञापन के जरिए तत्काल इस शासनादेश को वापस लेने एवं पूर्व की भांति ही देयकों से रायल्टी काटने की बात करते हुए मांग पूरी नहीं करने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है। ज्ञापन की एक प्रति कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज को भी भेजी गई है। इस ज्ञापन में राजकीय ठेकेदार संघ थराली के अध्यक्ष दिनेश रावत, राकेश जोशी, किशोर घुनियाल, दर्शन नेगी, राकेश भारद्वाज, केदार दत्त कुनियाल, दीपक बिष्ट, गौरव खत्री, रामचंद्र कुनियाल, दिनेश कुनियाल, रणजीत सिंह, महिपाल सिंह, हरेंद्र सिंह आदि के हस्ताक्षर मौजूद हैं।