
गैरसैंण। विश्व को झकझोर देने वाली कोरोना महामारी से अब तक मुक्त से पहाड़ में अब कोरोना के कदम पड़ गए हैं। पौड़ी, अल्मोड़ा, उत्तरकाशी के बाद अब ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में भी कोरोना ने दस्तक दे दी है। रोजगार के लिए पहाड़ से पलायन कर गए लोग अब इस संकटकाल में प्रवासी बनकर पहाड़ लौटे हैं तो अपने साथ कोरोना की सौगात लेकर आए हैं। पज्याणा गांव के प्राथमिक विद्यालय में क्वारंटीन में रह रहे एक 35 वर्षीय व्यक्ति का सैंपल जांच में पाजिटिव आया है। इस रिपोर्ट के आने के बाद क्वारंटीन सेंटर में रह रहे 12 लोगों काे प्रशासन ने गैरसैंण जीएमबीएन पर्यटन आवास में संस्थागत क्वारंटीन में भेज दिया है।
सोमवार को गैरसैंण के पज्याणा गांव निवासी व्यक्ति को देर रात जिला अस्पताल गोपेश्वर में आयशोलेशन में पहुंचाने के उपरांत मंगलवार को गैरसैंण प्रशासन प्राथमिक विद्यालय में रह रहे शेष 12 प्रवासी ग्रामीणों को भी जीएमबीएन के भवन
में क्वारंटीन कर दिया है। पाजिटिव पाए गए व्यक्ति के यात्रा इतिहास से पता चला है कि वह दिल्ली एनसीआर से आया है।
गांव में कोविट-19 का पॉजीटिव केश मिलने पर सोमवार दिन में डॉ राजेश गैड़ी और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों ने प्रभावित व्यक्ति के संपर्क में आये लोगों की स्क्रिनिंग की और नगर पंचायत के पर्यावरण मित्रों ने सड़क पर खड़े वाहनों, प्राथमिक विद्यालय पज्याणाखाल और पज्याणा गांव में जा कर फोगिंग कर शेनिटाइजेशन किया। इसी दौरान दिल्ली से आये चार प्रवासी ग्रामीणों को गांव के उसी विद्यालय में क्वारंटीन किया गया। इस दौरान नायब तहसीलदार गैरसैंण राकेश पल्लव, डॉ राजेश गैड़ी, नपं के लक्ष्मण पंवार, पप्पू, राहूल और अनूप और सुरेंद्र सिंह पुंडीर व ग्राम प्रहरी वचन सिंह और प्रधान विजय सिंह मौजूद रहे।












