थराली से हरेंद्र बिष्ट।
बीते दो दिन से विकासखंड मुख्यालय देवाल में पीने की आपूर्ति ठप पड़े होने के कारण नागरिकों को पानी के लिए दर.दर भटकने पर मजबूर होना पड़ रहा है। रविवार को कोरोना के कारण साप्ताहिक बंदी पर भी पाईप लाइन पर पानी नहीं आने के चलते लोगों को बाल्टियों-गेलनों सहित अन्य पानी के बर्तनों को लेकर भटकने पर मजबूर होना पड़ा।
दरअसल पिछले वर्षो हाटकल्याणी.बेराधार मोटर सड़क के निर्माण के दौरान गमलीगाड़ से देवाल आने वाली पेयजल लाइन हाटकल्याणी गांव के पास बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई थी।जिस पर जल संस्थान ने इस क्षेत्र में एल्काथीन के पाई डाल पानी की सप्लाई शुरू की थी। जिससे अब भी पानी की आपूर्ति की जा रही हैं। बताया जा रहा हैं कि गत शुक्रवार की दोपहर पीएमजीएसवाई के द्वारा हाटकल्याणी.बेराधार मोटर सड़क पर जेसीबी मशीन के द्वारा स्लिप सफाई का कार्य किया गया।इस दौरान सड़क से देवाल के लिए गुजर रही एल्काथीन पाइप लाइन कट गई। जिससे देवाल क्षेत्र के तमाम इलाकों में पानी की आपूर्ति पूरी तरह से ठप हो गई हैं। शनिवार को जल संस्थान के द्वारा पानी आपूर्ति के तमाम प्रयास बेकार साबित हुए।और पानी की आपूर्ति बहाल नही हो सकी। रविवार को भी समाचार लिखे जाने तक पानी की आपूर्ति बहाल नही हो सकी हैं। जिससे लोगों को पानी के लिए दर.दर भटकना पड़ रहा हैं।
देवाल की पूर्व प्रमुख एवं कांग्रेस नेत्री उर्मिला बिष्ट ने सरकार पर विकासखंड मुख्यालय देवाल एवं आसपास के अन्य गांवों में पीने के पानी की उचित व्यवस्था करने में असफल साबित होने का आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले दो वर्ष पूर्व देवाल क्षेत्र के एक बड़े हिस्से को पानी की आपूर्ति करने वाले गमलीगाड़ के पेयजल स्रोत पर भारी भूस्खलन एवं भूमि ध्सांव के कारण बरसात के करीब तीन महिनों तक पानी की अनियमितता एवं दूषित पानी की आपूर्ति होती हैं। जिससे क्षेत्रीय जनता लगातार पिंडर नदी से पम्पिंग योजना बनाने अथवा अन्य स्रोत से पानी की आपूर्ति की मांग करते आ रहे हैं। किंतु इस मांग को आज तक अमलीजामा नही पहनाया जा सका हैं। उन्होंने तत्काल देवाल क्षेत्र में पानी की आपूर्ति के लिए उचित व्यवस्था किए जाने की सरकार से मांग की हैं। इसके साथ ही हाटकल्याणी में एल्काथीन पाइपों के स्थान पर जीआई पाइपों की फिटिंग कर आपूर्ति की मांग की हैं।