देहरादून। एक दिन पहले हुई कैबिनेट बैठक में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफे का कारण उन्होंने कोटद्वार मेडिकल कालेज का प्रस्ताव कैबिनेट में न आने से नाराजगी बताया। अब बताया जा रहा है कि भाजपा ने डैमेज कंटोल कर लिया है। हरक सिंह को मुख्यमंत्री की तरफ से कोटद्वार मेडिकल कालेज को लेकर आश्वासन मिला है, इस आश्वासन पर हरक सिंह मान गए हैं। इसमें साथी विधायक उमेश शर्मा काउ, भाजपा के मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
हरक सिंह रावत, उमेश काउ समेत कांग्रेस से भाजपा में गए कुछ विधायकों, मंत्रियों को लेकर पहले से ही भाजपा के अंदर असमंजस बना हुआ था। रायपुर विधायक उमेश शर्मा काउ के साथ भाजपा कार्यकर्ताओं की नोक-झौंक के बाद बहुत सारी बातें सतह पर आ गई थी। हरक सिंह रावत काउ के समर्थन में खुलकर आ गए थे। उसके बाद कई बार भाजपा हाई कमान से हरक सिंह रावत और उमेश शर्मा काउ की बातचीत हो चुकी है। बताया जाता है कि इन दोनों नेताओं की कांग्रेस हाई कमान से भी अंदर खाने बात चलती रही है। इसीलिए कयास लगाए जा रहे थे कि चुनाव से ठीक पहले कम से कम इन दोनों की कांग्रेस में वापसी हो सकती है।
24 दिसंबर कोई हुई कैबिनेट मीटिंग के दौरान जब हरक सिंह रावत का इस्तीफा प्रकरण सामने आया तो इन कयासों की सच्चाई सामने आने लगी। माना जा रहा था कि मेडिकल कालेज तो महज बहाना था। इसी बहाने हरक सिंह को बाहर आने का मौका मिल गया। इसके बाद उमेश शर्मा काउ के भी इस्तीफे की खबर आने लगी।
अब यह बात हवा में तैर रही है कि भाजपा ने डैमेज कंटोल कर लिया है। हरक सिंह रावत को मना लिया गया है। उमेश शर्मा काउ ने मुख्यमंत्री से संपर्क किया और हरक सिंह रावत की बात कराई। इसी बीच भाजपा के मीडिया हेड अनिल बलूनी भी इस प्रकरण में सक्रिय हो गए। बताया जा रहा है कि इस हस्तक्षेप और मुख्यमंत्री को कोटद्वार मेडिकल कालेज को लेकर दिए गए आश्वासन के बाद हरक सिंह मान गए और मामले का पटाक्षेप हो गया।
लेकिन एक महत्वपूर्ण कड़ी यह भी बनी है कि इस्तीफा देने के बाद हरक सिंह रावत न तो अपने सरकारी आवास पहुंचे और न ही निजी आवास, वह कहीं होटल में चले गए, अभी भी वह होटल में ही बताए जा रहे हैं।
कांग्रेस के अंदर मचे घमासान के बाद दिल्ली में हाई कमान के साथ बैठक के बाद कांग्रेसी नेता देहरादून आ चुके हैं। हरीश रावत आज देहरादून पहुंचने वाले हैं। देखना होगा कि आगे भाजपा-कांग्रेस की राजनीति में उंट किस करवट बैठता है। ये घटनाक्रम किधर जाकर परिणाम हासिल करते हैं।