कमल बिष्ट।
कोटद्वार। आर्य समाज कोटद्वार द्वारा आयोजित छः दिवसीय वैदिक दिव्य सत्संग का आयोजन रात्रि 8.30 से 9.30 को लगातार 28 सितम्बर से 03 अक्टूबर तक किया जायेगा। आयोजित वैदिक सत्संग समारोह में बरेली से आये स्वामी श्रद्धानंद सरस्वती ने कहा कि धर्म प्रेमी सज्जनों को बताया कि भारतीय संस्कृति के मूल वेद ही है, वेदों का मुख्य लक्ष्य मनुष्य को आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान करना है।
भजन एवं प्रवचन के माध्यम से उन्होंने बताया कि वर्तमान परिवेश में मनुष्य बुराइयों से घिरा हुआ है। ईश्वर की वाणी तथा वेदों से दूर होने के कारण मनुष्य विभिन्न प्रकार की सामाजिक बुराइयों के मोहजाल में फंसता जा रहा है। कहा समाज में पाखंड, छुआछूत, दहेज प्रथा, दिखावा आदि बाहरी आडंबरों में फंस कर जहां एक तरफ मनुष्य अपना बहुमूल्य समय बर्बाद कर रहा है।
ईश्वर की कृपा प्राप्त करने हेतु भक्ति, श्रद्धा व समर्पण का भाव आवश्यक है। इस अवसर पर अनिल बत्रा, आनंद, हिमांशु, शशि सिंघल, विष्णु अग्रवाल, मीना अग्रवाल, सुखदेव शास्त्री, नवीन, सुशील गुप्ता, रामवीर गौड़, आशुतोष वर्मा आदि मौजूद रहे।